बलरामपुर जिले के राजपुर विकासखंड के ग्राम कदौरा में शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे और धान बेचने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद तहसीलदार की जांच और पुलिस कार्रवाई के बाद उसे जेल भेज दिया गया। गुरुवार को आयोजित एक ग्रामीण बैठक के दौरान यह मामला सामने आया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव के निवासी बीरेंद्र गुप्ता ने लगभग 60 से 65 एकड़ शासकीय भूमि को गलत तरीके से अपने नाम दर्ज करा लिया था। इसी आधार पर वह कई वर्षों से धान बेच रहा था। ग्रामीणों का आरोप- शासकीय भूमि रिकॉर्ड में गड़बड़ी ग्रामीणों के अनुसार, रिकॉर्ड में गड़बड़ी कर शासकीय भूमि का निजी फायदा लिया जा रहा था। बैठक में मामले की स्पष्टता के लिए पटवारी अजेंद्र टोप्पो को बुलाया गया। उन्होंने बताया कि उनका पदस्थापन वर्ष 2025 में हुआ है, इसलिए उन्हें पूर्व पटवारी की ओर से की गई दर्जियों और कार्रवाई की जानकारी नहीं है। तहसीलदार ने किया निरीक्षण, विवादित रकबा दर्ज नहीं मिला इस जवाब से असंतुष्ट होकर ग्रामीणों ने तत्काल पूरे प्रकरण की सूचना तहसीलदार राजपुर को दी। सूचना मिलते ही तहसीलदार कावेरी मुखर्जी ग्राम कदौरा पहुंचीं और विवादित स्थल का निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि बीरेंद्र गुप्ता के नाम किसी भी प्रकार का भूमि रकबा दर्ज नहीं है। भूमि पुष्टि तक बीरेंद्र गुप्ता से धान खरीदी पर रोक इसके बावजूद वह नियमित रूप से धान विक्रय कर रहा था, जो नियमों के विपरीत था। निरीक्षण के बाद तहसीलदार ने दौरा मंडी प्रबंधक को स्पष्ट निर्देश दिए कि भूमि संबंधी तथ्यों की पुष्टि होने तक बीरेंद्र गुप्ता से धान की खरीदी न की जाए। इस निर्णय के बाद बीरेंद्र गुप्ता और मंडी मैनेजर के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किया नियंत्रित जिसके चलते मंडी मैनेजर ने डवरा चौकी प्रभारी को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और आरोपी बीरेंद्र गुप्ता को बीएनएसएस की धारा 170 के तहत गिरफ्तार कर एसडीएम न्यायालय राजपुर में पेश किया। न्यायालय के निर्देश पर उसे गुरुवार को रामानुजगंज जेल भेज दिया गया। राजपुर एसडीएम देवेंद्र प्रधान ने कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी। जहां भी त्रुटि हुई है, उसका सुधार होगा और दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई जारी रहेगी।


