सफाईकर्मियों को हटाने पर हाईकोर्ट ने स्टे दिया, 4 सप्ताह में जवाब मांगा

भास्कर न्यूज | जालोर नगर परिषद में वर्ष 2018 में लगे 2 सफाईकर्मियों की 31 अक्टूबर को सेवा समाप्त करने के मामले में हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने स्थानीय स्वशासन विभाग के सचिव, निदेशक और जालोर नगर परिषद आयुक्त को नोटिस देकर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण की एकलपीठ ने याचिका पर अधिवक्ता रजाक खान, कल्बे मोहम्मद और राहुल चौधरी की दलीलों के बाद आदेश दिया कि याचिकाकर्ता सफाईकर्मी सोनाराम और संतारा की सेवाएं निरंतर रखी जाए। दोनों ने याचिका में बताया कि नगर परिषद जालोर ने हाईकोर्ट की एकल खंडपीठ की ओर से 2019 में पारित एक फैसले का हवाला देते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं। मामले में अगली सुनवाई 2 जनवरी 2026 को की जाएगी। बता दें कि 2018 में हुई सफाई कर्मियों की भर्ती को 2019 में उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच में चैलेंज किया गया। जिसमें आदेश दिया किया कि भर्ती प्रक्रिया को समझकर गलत पाए जाने वाले कार्मिकों को हटाया जाए। इसी आदेश की व्याख्या किए बगैर राजस्थान के अलग-अलग निकायों से करीब 50 कार्मिकों को हटाया गया था। जब यह मामला डबल बेंच में गया तो रिव्यू पिटिशन पर 2022 में कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आदेश का यह मतलब नहीं है कि कर्मचारी को नौकरी से निकाला जाए। न्यायालय ने यह भी कहा कि मौजूदा रिक्तियों का उपयोग किया जाना चाहिए। मुख्य उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया की वैद्यता की जांच करना है, न कि नियुक्त हो चुके कर्मचारियों को हटाना।

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