पिता के स्थान पर इंजीनियर बेटे राजेंद्र दुबे (राजा) को 30 घंटे हिरासत में रखने के मामले में मंगलवार को इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। आज शासन की ओर से जवाब पेश किया जाना है कि पुलिस कमिश्नर ने मामले में चंदन नगर टीआई इंद्रमणि पटेल और संबंधितों पर क्या कार्रवाई की है। कोर्ट ने 4 दिसंबर की सुनवाई में टीआई और संबंधितों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने और क्रिमिनल एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि चंदन नगर थाना प्रभारी इंद्रमणि पटेल का कृत्य नागरिक के मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। अदालत ने पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिए थे कि संबंधित पुलिस कर्मियों पर आपराधिक केस दर्ज किया जाए। हालांकि सोमवार रात तक संबंधितों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। बता दें कि राजेंद्र के पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी संजय दुबे पर पॉक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज है और जब पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई, तो बेटे को उठा लिया। याचिका वापस लेने की अर्जी लगी आज की सुनवाई से पहले मामले में नाटकीय मोड़ आ गया। राजेंद्र की ओर से याचिका लगाने वाले आकाश तिवारी ने कोर्ट में दो आवेदन दिए हैं। इनमें से एक याचिका वापस लेने और दूसरा वकील बदलने को लेकर है। यानी इन तीनों बिंदुओं पर आज बहस होगी। ज्ञात हो कि आज पुलिस को अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। पुलिस को रिपोर्ट पेश करनी पड़ेगी याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट नीरज सोनी ने बताया कि इंजीनियर राजेंद्र दुबे की याचिका पर दिए गए पूर्व आदेश का पालन करते हुए पुलिस को रिपोर्ट कोर्ट में पेश करना ही पड़ेगी। उन्होंने कहा कि वकील बदलने या याचिका वापस लेने की जानकारी उन्हें नहीं है। अब यह मामला राज्य सरकार और कोर्ट के निर्णय पर निर्भर होगा। यह है पूरा मामला रियल एस्टेट कारोबारी संजय दुबे के खिलाफ चंदन नगर पुलिस ने नाबालिग से दुष्कर्म का केस दर्ज किया है। इसके 14 दिन बाद भी पुलिस आरोपी को नहीं पकड़ पाई तो 26 नवंबर को पुलिस ने उसके बेटे इंजीनियर राजा को सैलून से उठा लिया। उसे 30 घंटे थाने में बैठाकर रखा। इस दौरान उसे हथकड़ी भी लगाई, जबकि राजा का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था। राजा को बगैर किसी अपराध थाने में बैठाने पर उनके साले आकाश तिवारी ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई। इसमें आरोप लगाया कि राजा के खिलाफ कोई केस नहीं है। इसके बावजूद उसे हथकड़ी लगाकर थाने में रखा गया। याचिका की सूचना मिलते ही पुलिस ने राजा को छोड़ दिया था। कोर्ट ने इस मामले में थाना प्रभारी इंद्रमणि पटेल को 26 से 27 नवंबर के बीच 30 घंटे के सीसीटीवी फुटेज के साथ कोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा था। 4 दिसंबर को थाना प्रभारी पटेल कोर्ट में उपस्थित तो हुए, लेकिन उन्होंने सीसीटीवी फुटेज पेश नहीं किए थे। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता ने जो सबूत पेश किए, वह सच्चाई बताने के लिए पर्याप्त है। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से कहा था कि वे बताएं कि उन्होंने टीआई इंद्रमणि पटेल के खिलाफ क्या कार्रवाई की? ये खबर भी पढ़िए… 1. पिता के बजाय इंजीनियर बेटे को पकड़ने में नया मोड़ पॉक्सो एक्ट केस में आरोपी के बजाय उसके इंजीनियर बेटे को हथकड़ी पहनाकर थाने में 30 घंटे हिरासत में रखने के मामले में नाटकीय मोड़ आ गया है। दरअसल, इस मामले में कल यानी 9 दिसंबर को हाईकोर्ट में पुलिस को अपनी रिपोर्ट पेश करना है, लेकिन एक दिन पहले ही याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने और वकील बदलने का आवेदन लगा दिया है। पढ़ें पूरी खबर… 2. पिता की जगह बेटे को 30 घंटे हिरासत में रखा इंदौर में चंदन नगर पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। पॉक्सो एक्ट केस में पुलिस ने आरोपी की जगह उसके इंजीनियर बेटे को थाने में 30 घंटे हिरासत में रखा और उसे हथकड़ी भी पहनाई। हैरानी की बात यह है कि रियल एस्टेट कारोबारी के इंजीनियर बेटे की इस केस में न कोई भूमिका है और न ही वह आरोपी है। पढ़ें पूरी खबर…


