छत्तीसगढ़ में जमीन कारोबारियों की संघर्ष समिति ने अपना नाम बदलकर ‘नागरिक भूमि विकास मंच’ कर लिया है। मंच ने आठ दिनों से चल रहे अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि नई गाइडलाइन में उचित संशोधन नहीं हुआ तो वे फिर से आंदोलन शुरू करेंगे। यह आंदोलन धमतरी के गांधी मैदान में पिछले आठ दिनों से चल रहा था। ‘जमीन कारोबारी संघर्ष समिति’ रजिस्ट्री शुल्क में वृद्धि और नई गाइडलाइन के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रही थी। सोमवार को आठवें दिन समिति ने आम नागरिकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अपना नाम बदलकर ‘नागरिक भूमि विकास मंच’ किया और आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की। प्रदर्शनकारी रजिस्ट्री शुल्क बढ़ोतरी और नई गाइडलाइन के विरोध में काला दिवस मना रहे थे और अलग-अलग तरीकों से छत्तीसगढ़ सरकार तक अपनी आपत्ति पहुंचा रहे थे। मंच के अध्यक्ष और सदस्यों ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगों के अनुरूप उचित संशोधन नहीं हुए तो वे दोबारा आंदोलन शुरू करेंगे। वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे मुद्दे मंच के सदस्यों ने बताया कि आंदोलन को समाप्त नहीं, बल्कि केवल स्थगित किया गया है। महापौर रामू रोहरा ने आंदोलन स्थल पर आकर और बाद में अपने कार्यालय में बुलाकर सदस्यों से चर्चा की। उन्होंने मंच के सदस्यों को अपनी आपत्तियां और सुझाव देने को कहा है। महापौर ने आश्वासन दिया है कि वे इन मुद्दों को गंभीरता से वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे। सदस्यों ने निवेदन किया है कि 31 दिसंबर तक पुरानी गाइडलाइन के अनुसार ही रजिस्ट्री की जाए। केंद्रीय मूल्यांकन समिति की ओर से 31 दिसंबर के बाद लिए गए निर्णय के आधार पर ही नई रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू की जाए। जानिए क्या है नाम बदलने की वजह मंच ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘जमीन कारोबारी संघर्ष समिति’ का नाम बदलकर ‘नागरिक भूमि विकास मंच’ इसलिए किया गया है, क्योंकि यह मामला केवल कारोबारियों से नहीं, बल्कि आम नागरिकों से भी जुड़ा हुआ है। नागरिक भूमि विकास मंच के अध्यक्ष रितुराज पवार ने दोहराया कि वर्तमान आंदोलन को केवल स्थगित किया गया है। मंच ने निर्णय लिया है कि नई गाइडलाइन आने तक कोई भी पंजीयन नहीं कराया जाएगा। यदि उचित संशोधन नहीं होते हैं, तो नागरिक भूमि विकास मंच की ओर से फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा। जिला समिति से आपत्तियां-सुझाव मांगे गए महापौर रामू रोहरा ने बताया की केंद्रीय मूल्यांकन समिति ने निर्णय लिया है कि 31 दिसंबर तक रजिस्ट्री के लिए नई गाइडलाइन उसमें कुछ छोड़ दी गई है। समीक्षा के के बाद कुछ शर्तें हटाई गई और निर्णय लिया गया है कि जिला मूल्यांकन समिति जो आपत्ति और सुझाव आ रहे हैं उसमें अमल करते हुए उसमें निर्णय 31 दिसंबर तक केंद्रीय मूल्यांकन समिति को भेजी जाएगी।


