वांगचुक की संस्था को संसदीय समिति ने रोल मॉडल बताया:कहा- यूजीसी HIAL को मान्यता दे, यहां के पढ़ाई के तरीके नई शिक्षा नीति में यूज करे

लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की संस्था हिमालनय इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) को शिक्षा पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में “रोल मॉडल” बताया गया है। सोमवार को संसद में पेश रिपोर्ट में समिति ने HIAL की सफलता को सामुदायिक जुड़ाव, अनुभवात्मक शिक्षा, और भारतीय ज्ञान प्रणालियों को सशक्त बनाने के संदर्भ में सराहा। समिति ने सिफारिश की कि UGC न केवल HIAL को मान्यता दे, बल्कि इसे नई शिक्षा नीति (NEP) के कार्यान्वयन का आदर्श मान इस संस्था की स्टडी करे। जुलाई में संसदीय समिति ने लद्दाख का दौरा किया था और SECMOL और HIAL में आधे दिन का समय बिताया था। इस समिति को शिक्षा मंत्रालय के प्रदर्शन की समीक्षा करने का कार्य सौंपा गया है। संस्कृति और पर्यावरण से जुड़ी है पढ़ाई संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि- लेह हिंसा के बाद 26 सितंबर से जेल में है वांगचुक सोनम वांगचुक लद्दाख के सोशल वर्कर हैं। 24 सितंबर को लेह में हिंसा हुई थी इसमें चार लोगों की मौत हुई थी और 90 लोग घायल हो गए थे। सरकार ने आरोप लगाया कि सोनम वांगचुक ने हिंसा भड़काई। इस पर 26 सितंबर को सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया था। हिरासत में लेने के बाद राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया।​ तब से वांगचुक जेल में हैं। ये खबर भी पढ़ें:
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सोनम वांगचुक को TIME मैगजीन ने ‘द 100 मोस्‍ट इंफ्लुएंशियल क्‍लाइमेट लीडर्स ऑफ 2025’ की लिस्‍ट में जगह दी है। मैगजीन ने लिखा- वांगचुक एक इंजीनियर, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। पिछले महीने उन्हें लद्दाख को पूर्ण राज्‍य का दर्जा दिलाने के प्रदर्शन के चलते गिरफ्तार किया गया था। वो पिछले एक दशक से प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा, कृत्रिम ग्लेशियर बनाने में नई वैज्ञानिक तकनीकों को शामिल करने का काम कर रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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