विदिशा में अनुसूचित जाति-जनजाति कांग्रेस ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान एक रैली भी निकाली गई, जिसका नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार, जिला कांग्रेस अध्यक्ष मोहित रघुवंशी और जिला एससी-एसटी कांग्रेस अध्यक्ष जगन्नाथ सिंह अहिरवार ने किया। रैली में बड़ी संख्या में महिला-पुरुष शामिल हुए। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासनकाल में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग को दिए गए भूमि के पट्टों पर अब तक कब्जा नहीं दिलाया गया है। उनके अनुसार, पट्टाधारक जब अपनी जमीन पर जाते हैं, तो वहां अन्य लोगों का कब्जा मिलता है। नेताओं ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार दलित-आदिवासी वर्ग के हितों के लिए बनाए गए कानूनों का लगातार उल्लंघन कर रही है। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग पर अत्याचारों में वृद्धि हुई है और सरकार इन्हें रोकने में विफल रही है। ज्ञापन में भूमि पट्टों को कब्जा-मुक्त कराने, अवैध कब्जे हटाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है सरकारी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जिला कांग्रेस अध्यक्ष मोहित रघुवंशी ने मोहन यादव मंत्रिमंडल की राज्य मंत्री प्रतिमा बागड़ी के परिजनों पर अवैध नशा कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंत्री के भाई और बहनोई की गिरफ्तारी से सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते हैं। कांग्रेस ने मंत्री से इस्तीफे की मांग की और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने बताया कि मनौरा सहित कई गांवों में दलित-आदिवासी परिवार दशकों से जमीन जोत रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक न तो पट्टा मिला है और न ही भूमि अधिकार। उन्होंने यह भी कहा कि नशा तस्करी के कारण प्रदेश का भविष्य खतरे में है। जगन्नाथ सिंह अहिरवार ने जानकारी दी कि विदिशा जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों और 1536 गांवों में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोग रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मंदिर निर्माण की घोषणाएं तो कर रही है, लेकिन गरीबों को जमीन और पट्टा देने के अपने वादे पूरे नहीं कर रही है।


