जबलपुर में रिटायर्ड महिला शिक्षक को एटीएस अधिकारी बनकर साइबर ठगों ने 4 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। पुलवामा हमले का डर दिखाकर उनसे 70 लाख रुपए की मांग की गई, लेकिन समय रहते पुलिस की मदद मिलने से महिला और उनका पैसा दोनों सुरक्षित हैं। घटना 6 दिसंबर की है, जब बाई का बगीचा क्षेत्र में रहने वाली रिटायर्ड शिक्षिका अमिता ग्रेबियल के मोबाइल पर कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को एटीएस अधिकारी बताते हुए कहा कि पुलवामा में आतंकी गतिविधियों से जुड़े एक मामले में उनके खाते से 70 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए हैं। साथ ही RBI और एटीएस जांच का हवाला देकर उन्हें डराया गया। कुछ देर बाद साइबर ठगों ने वीडियो कॉल शुरू किया और महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया। चार दिन तक उनका मोबाइल लगातार वीडियो कॉल पर रखा गया। महिला और उनके पति को घर से बाहर निकलने, पर्दा खोलने-बंद करने तक के लिए अनुमति लेनी पड़ रही थी। ठगों ने बच्चों और रिश्तेदारों की पूरी जानकारी भी हासिल कर ली। मोबाइल पर सिग्नल एप डाउनलोड करवाया साइबर ठगो ने बुजुर्ग दंपत्ति को धमकी देने के बाद उनके मोबाइल पर सिग्नल एप डाउनलोड करवाया। इसके जरिए उन्हें नकली एटीएस डिपार्टमेंट गुप्र में ऐड किया, जिसमें अलग-अलग नामों से फर्जी एटीएस के अधिकारी जुड़े हुए थे। इसी गुप्र के माध्यम से महिला और उनके पति को डराया जा रहा था। वीडियो कॉल के जरिए डिजीटल अरेस्ट कर लिया गया। 70 लाख रुपए दो-बच जाओगे चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट के दौरान घर पर क्या हो रहा है, कौन कितने बजे आ रहा है, कहां जा रहा है, यह तमाम जानकारी साइबर ठग डिजिटल अरेस्ट के जरिए समय-समय पर अमिता ग्रेबियल से ले रहे थे। एटीएस बनकर कॉल करने वाले साइबर ठगों ने केस में नाम हटाने को लेकर 70 लाख रुपए की डिमांड की। उनका कहना है कि पुलवामा हमले में जो आपके खाते से 70 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए है, उसका आपको 70 लाख रुपए देना होगा। आरबीआई का खाता नंबर दिया एएसपी ने बताया कि महिला और उनके पति बहुत ज्यादा डरे हुए थे। साइबर ठगों ने पति को घर पर डिजिटल अरेस्ट रखा, जबकि शिक्षिका को बोला गया कि आरबीआई का एक खाता नंबर पर आपको 70 लाख रुपए जमा करने होगें। भले ही इसके लिए आपको अपनी एफडी ही क्यों ना तोड़ना पड़े। ठगों की धमकी से दंपत्ति इस कदर डरे थे कि जैसा वो कहते थे, वैसा बुजुर्ग दंपती करते थे, यहां तक वाशरूम भी जाते तो अनुमति लेकर ही जाते थे। हम आपके पिता जी बोल रहे-चेहरा तो दिखाओ एडवोकेट अनिल मिश्रा ने साइबर फ्राड को लेकर जैसे ही एएसपी जितेंद्र सिंह को जानकारी दी गई, वैसे ही वो फौरन महिला के साथ उनके बाई के बगीचा स्थित घर पहुंचे, जहां देखा कि मोबाइल पर वीडियो कॉल चालू था। एएसपी ने महिला के रिश्तेदार बनकर बात की। उन्होंने साइबर ठग से चेहरा दिखाने को कहा तो वह चुप हो गया। जिसके बाद एएसपी से ठग पूछने लगा कि तुम्हारा नाम क्या है, इस पर उन्होंने जैसे ही बोला कि ‘हम आपके पिताजी बोल रहे है, चेहरा तो दिखाओ’, तो वह शांत रहा और कुछ देर बाद फोन को बंद कर दिया। एएसपी ने बताया कि अच्छी बात यह है कि समय रहते महिला ने पुलिस की मदद ली, जिसके चलते उनकी राशि और वो दोनों ही सुरक्षित है। एएसपी का कहना है कि जल्द ही ठग गिरफ्त में होगें।


