जामताड़ा पुलिस ने पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये अपराधी लोगों को ठगने के लिए वॉट्सऐप लिंक और स्क्रीन शेयरिंग जैसी नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे थे। जिले की साइबर पुलिस अब अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से साइबर अपराध पर नकेल कसने की तैयारी में है। पुलिस अधीक्षक राजकुमार मेहता ने इन गिरफ्तारियों का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर साइबर थाना प्रभारी राजेश मंडल के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया था। टीम ने नारायणपुर थाना क्षेत्र के हीरापुर स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय के पास एक जंगल में छापेमारी की। इस दौरान साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे पांच अपराधियों को रंगे हाथों दबोच लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों में कर्माटांड़ थाना क्षेत्र के सद्दाम अंसारी, तस्लीम राजा, शब्बीर अंसारी और सलामत अंसारी शामिल हैं। वहीं, ताज-उल अंसारी नारायणपुर थाना क्षेत्र के बाकुडी गांव का रहने वाला है। पुलिस ने इनके पास से 12 सिम कार्ड और 9 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। झारखंड, ओडिशा, बंगाल और एमपी के लोगों को निशाना बनाता था गिरोह एसपी राजकुमार मेहता ने बताया कि ये आरोपी पुराने तरीकों को छोड़कर नई तकनीक से ठगी कर रहे थे। वे व्हाट्सऐप पर लिंक भेजकर लोगों से ऐप इंस्टॉल करवाते थे और स्क्रीन शेयरिंग ऐप के जरिए गोपनीय जानकारी हासिल कर ठगी की घटनाओं को अंजाम देते थे। यह गिरोह झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के लोगों को निशाना बनाता था। सभी आरोपी हिंदी और बांग्ला भाषी हैं तथा असम व बंगाल के सिम कार्ड का उपयोग करते थे। पुलिस अब इन अपराधियों को सिम उपलब्ध कराने वाले गिरोह की भी तलाश कर रही है। मामला साइबर थाना में आईटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में दर्ज कर सभी अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है। एसपी ने बताया कि साइबर अपराध में शामिल आरोपी अब धारा 111 के तहत लंबे समय तक जेल में रहेंगे।


