कोरबा जिले की जीवन रेखा मानी जाने वाली अहिरन नदी गंभीर प्रदूषण की चपेट में है। कटघोरा क्षेत्र के कसरेंगा में एक राइस मिल संचालक पर नदी में लगातार केमिकल युक्त गंदा पानी छोड़ने का आरोप है, जिससे ग्रामीणों को त्वचा संबंधी बीमारियां हो रही हैं। शिकायत के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि राइस मिल संचालक आपत्ति और कई शिकायतों के बाद भी अपनी मनमानी कर रहा है। नदी में केमिकल युक्त पानी छोड़े जाने से ग्रामीण बेहद परेशान और आक्रोशित हैं। अहिरन नदी के प्रदूषित पानी का उपयोग करने को मजबूर ग्रामीणों में त्वचा संबंधी रोगों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ग्रामीणों में बढ़ी त्वचा रोग की समस्या छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में खुजली और अन्य चर्म रोग जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायत दर्ज कराने के बावजूद राइस मिल से केमिकल युक्त पानी का बहाव नहीं रुका है। इस समस्या से परेशान होकर ग्रामीणों ने एक बैठक की, जिसमें उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रदूषण पर विभागीय लापरवाही का आरोप कटघोरा के कसरेंगा गांव में यह समस्या सबसे गंभीर है, जहां की एक बड़ी आबादी कृषि, सब्जी उत्पादन और दैनिक निस्तारी के लिए अहिरन नदी पर निर्भर है। ग्रामीणों ने बताया कि इतनी शिकायतों के बावजूद राइस मिल संचालक बेधड़क होकर केमिकल युक्त पानी नदी में छोड़ रहा है। उनका मानना है कि संबंधित विभाग और जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है, तभी कार्रवाई नहीं हो रही है और संचालक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।


