लखनऊ में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन संविदा कर्मचारी संघ की बैठक हुई।एवेरेडी चौराहा स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें वर्टिकल व्यवस्था लागू होने के बाद उत्पन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में संगठन के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पाण्डेय को पदाधिकारियों ने अवगत कराया कि नई व्यवस्था के तहत 33 केवी, 11 केवी, एलटी एवं वाणिज्य से जुड़े कार्य अलग-अलग अधिकारियों और कर्मचारियों को सौंपने की बात कही गई थी, ताकि कार्यदक्षता बढ़ाई जा सके। पदाधिकारियों का कहना है कि वाणिज्य क्षेत्र—जहां मुख्य रूप से राजस्व वसूली, नए संयोजन जारी करना, नोटिस जारी करना और बिल संबंधी कार्य शामिल हैं। वहीं कर्मचारियों की तैनाती बेहद कम है। इस काम निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है। विभाग की राजस्व वसूली भी गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। पदाधिकारियों ने कहा कि स्थिति यह है कि वाणिज्य से जुड़े कार्य पूरे करने के लिए संचालन और अनुरक्षण कार्यों में तैनात कर्मचारियों को अतिरिक्त जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है। इससे जहां संचालन व अनुरक्षण कर्मचारियों पर कार्य का दोहरा भार पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर राजस्व वसूली प्रभावित होने से विभाग का बकाया लगातार बढ़ता जा रहा है। पाण्डेय ने कहा कि यह स्थिति वर्टिकल व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। कर्मचारियीं ने चेतावनी दी कि यदि वाणिज्य विभाग में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर व्यवस्था को सुचारु नहीं किया गया तो संगठन वर्टिकल प्रणाली के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगा।


