रायपुर रेलवे स्टेशन के री-डेवलपमेंट के चलते 22 अक्टूबर 2024 को लोको कॉलोनी और टीटीई रेस्ट रूम के पास शिफ्ट किए गए 22 पेड़ों में से आधे सूख चुके हैं। ये पेड़ करीब 70-80 साल पुराने थे। इन्हें नया जीवन देने के लिए 25 लाख में टेंडर दिया था। शिफ्टिंग के बाद पेड़ों की देखरेख निर्माण एजेंसी को करनी थी, पर एजेंसी ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया। हालांकि रेलवे के अफसर पेड़ों के सूखने के कारणों की जांच की कराने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं। भास्कर एक्सपर्ट – डॉ. शम्स परवेज, रविवि के रसायन विभाग के एचओडी दूसरी जगह हटाने पर 12 से 18 महीने तक रोज देना होता है पानी गुढ़ियारी इलाके में शिफ्ट किए गए पेड़ों के बीच की दूरी 2000 फीट थी, जबकि नियमानुसार 150 फीट पर एक पेड़ होना चाहिए। किसी भी बड़े पेड़ को हटाकर दूसरी जगह स्थापित करने के बाद कम से कम 12-18 महीने तक रोज या निर्धारित अंतराल में पानी डालना होता है। इसके साथ ही मानसून से पहले और बाद में पोषक तत्वों का प्रबंधन करना होता है। शिफ्टिंग के दौरान वैज्ञानिक पद्धति नहीं अपनाए जाने के कारण भी पेड़ सूख जाते हैं।


