राजधानी में चल रहे एक फर्जी मैरिज ब्यूरो गिरोह ने यूपी, राजस्थान और बुंदेलखंड कई जगह के लोगों से शादी कराने के नाम पर ठगी की। फर्जीवाड़े के लिए पूरा फेक मॉडल तैयार किया गया था। आरोपी पहले जरूरतमंद परिवारों को सही रिश्ता दिलाने का भरोसा दिलाते थे। फिर लड़की दिखाने से लेकर रिंग सेरेमनी तक की रस्में कराते, ताकि भरोसा पूरी तरह बन जाए। इसके बाद हर परिवार से 24-24 हजार रुपए एडवांस ले लेते थे। रिश्ते की औपचारिकता और लड़के पक्ष के पुलिस वेरिफिकेशन के बहाने दो-दो महीने तक फाइल अटकी बताकर पीड़ितों को टरकाते रहे। बाद में ऑफिस ही बंद कर फरार हो गए। फर्जी मैरिज ब्यूरो से ठगे गए 10 युवकों ने छोला मंदिर थाने में ठगी की एफआईआर कराई है। ये मैरिज ब्यूरो संचालक राजस्थान, बुंदेलखंड, शिवपुरी, ग्वालियर और आसपास के जिलों में पर्चे बांटकर प्रचार करते थे। पुलिस अब मोबाइल नंबर, बैंक खातों के जरिये आरोपियों का पता लगा रही है। पीड़ित की जुबानी… लड़की से मिलाया तो भरोसा हो गया इसी साल जुलाई में मुझे ‘जीवन बंधन गरीब जन कल्याण समिति’ का पर्चा मिला था। इसमें ऑफिस का पता माहोली, भोपाल (छोला मंदिर क्षेत्र) का दिया था। पर्चे में लिखा था- बेहतर जीवन साथी के लिए तुरंत संपर्क करें। इसमें दावा किया गया था कि हमारे पास दर्जनों परिवारों के वेरीफाइड प्रोफाइल उपलब्ध हैं। मैंने भी भरोसे में आकर इनसे संपर्क किया। भरोसा जमाने के लिए ब्यूरो संचालकों ने कई बार लड़की से मुलाकात भी कराई। इससे मुझे शक भी नहीं हुआ। पैसे देने के बाद उन्होंने फोन उठाना बंद कर दिया। जब मैं मैरिज ब्यूरो के दफ्तर पहुंचा तो ऑफिस बंद मिला। बोर्ड हट चुका था। -जैसा झांसी निवासी पिंटू साहू ने पुलिस को बताया पुलिस वेरिफिकेशन की बात कहकर वसूलते थे 24-24 हजार
ठगे गए लोगों ने बताया कि आरोपियों ने कई परिवारों के बीच गोद भराई (रिंग सेरेमनी) की रस्में कराईं। मैरिज ब्यूरो संचालक उत्तम सिंह और मैनेजर रोशन खान लोगों से 24-24 हजार रुपए एडवांस जमा कराते थे। अब तक झांसी, हमीरपुर, ललितपुर, राजस्थान आदि स्थानों से 10 युवक पहुंच चुके हैं, जिनके साथ मैरिज ब्यूरो के नाम ठगी की गई है। एडवांस मिलने के बाद आरोपी पुलिस वेरिफिकेशन के नाम पर समय मांगते थे। फर्जी पते और सिम कार्ड, गिरोह में युवतियां भी, ये खंगाल रही पुलिस
पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि ठगों ने फर्जीवाड़े के लिए अलग-अलग नामों से फर्जी आईडी और पते इस्तेमाल किए थे। पुलिस अब उनके बैंक खातों, मोबाइल लोकेशन और प्रचार सामग्री के जरिए गिरोह का पता लगाने में जुटी है। पुलिस यह भी पता कर रही है कि आरोपियों ने जिन युवतियों को युवकों को दिखाया था, वह भी गिरोह में शामिल हैं क्या। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। मैरिज ब्यूरो में शादी के लिए वेरिफिकेशन जरूरी नहीं
भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि किसी भी मैरिज ब्यूरो द्वारा सुझाए गए रिश्ते के लिए न तो कोई सरकारी पुलिस वेरिफिकेशन प्रक्रिया अनिवार्य है, न ही ब्यूरो को यह अधिकार दिया गया है कि वे पुलिस वेरिफिकेशन करवाएं। पुलिस वेरिफिकेशन आमतौर पर केवल पासपोर्ट, किरायेदारी, सरकारी नौकरी, सुरक्षा संवेदनशील पद, कोर्ट मैरिज आदि में होता है। कोई मैरिज ब्यूरो पुलिस वेरिफिकेशन शुल्क, फाइल प्रोसेसिंग, सरकारी फीस जैसे नाम पर पैसे मांगे तो यह निश्चित रूप से धोखाधड़ी है।


