सीधी जिले में सांसद डॉ. राजेश मिश्रा के बेटे डॉ. अनूप मिश्रा के एआरटी क्लिनिक लेवल-2 के पंजीयन का आवेदन कलेक्टर और जिला दण्डाधिकारी और जिला सक्षम एआरटी और सरोगेसी प्राधिकारी स्वरोचिष सोमवंशी ने निरस्त कर दिया है। यह कार्रवाई अभिलेखों में गंभीर भिन्नता पाए जाने के बाद की गई। मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. बबीता खरे ने मंगलवार को इस संबंध में आधिकारिक जानकारी दी। सीएमएचओ डॉ. खरे ने बताया कि डॉ. अनूप मिश्रा के प्रथम आई.वी.एफ. क्लिनिक, मिश्रा नर्सिंग होम एंड डायग्नोस्टिक फाउंडेशन, सीधी की ओर से प्रस्तुत एआरटी क्लिनिक लेवल-2 के आवेदन क्रमांक MP/AC/2022/12090 की विस्तृत जांच की गई थी। जांच में पाया गया कि आवेदन पत्र में दी गई जानकारी और समिति के समक्ष प्रस्तुत मूल अभिलेखों में स्पष्ट भिन्नता थी। इसी आधार पर सहायता प्राप्त जननीय प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम 2021 और संशोधित अधिनियम 2022 के प्रावधानों के तहत आवेदन निरस्त करने का निर्णय लिया गया। डॉ. बबीता खरे ने यह भी बताया कि इस प्रकरण में मंगलवार को संस्थान के प्रतिनिधि कलेक्टर के समक्ष उपस्थित हुए थे। उस दौरान भी आवेदन में दर्शाए गए एनेस्थीसिया विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. दीपक कुमार शर्मा का पंजीयन प्रमाण पत्र और शैक्षणिक डिग्री की मूल प्रति प्रस्तुत नहीं की गई। इसके बजाय, किसी अन्य चिकित्सक के दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, जो आवेदन में दिए गए विवरण से मेल नहीं खाते थे। इसे नियमों का स्पष्ट उल्लंघन माना गया। सीएमएचओ ने स्पष्ट किया कि अधिनियम के नियम 7 के अनुसार, यदि संस्था भविष्य में नया आवेदन प्रस्तुत करती है, तो पूर्व में जमा की गई आवेदन शुल्क मान्य रहेगा। संस्था को शुल्क दोबारा जमा नहीं करना होगा, लेकिन संपूर्ण प्रक्रिया नियमानुसार नए सिरे से पूरी करनी होगी। गौरतलब है कि इसी पंजीयन को लेकर पिछले हफ्ते सांसद डॉ. राजेश मिश्रा के बेटे डॉ. अनूप मिश्रा और बहू डॉ. वीणा मिश्रा जनसुनवाई में पहुंचे थे। उन्होंने 2022 से आवेदन लंबित होने और रिनुवल में देरी का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद मामला सुर्खियों में आया। अब प्रशासनिक जांच और नियमों के अनुपालन के बाद आवेदन को निरस्त किए जाने से पूरे प्रकरण ने निर्णायक मोड़ ले लिया है।


