रायसेन जिले में बंधुआ मजदूरी का मामला सामने आया है। जिला प्रशासन ने मंगलवार रात बमोरी गांव से तीन मजदूर परिवारों को ठेकेदार शहाबुद्दीन खान के कब्जे से मुक्त कराया। । यह कार्रवाई जनसुनवाई में एनजीओ कार्यकर्ता ममता दुबे की शिकायत पर हुई। शिकायत मिलने पर प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। टीम में एसडीएम, कोतवाली थाना प्रभारी और श्रम अधिकारी शामिल थे। मजदूरों के बयान दर्ज किए गए और जांच में तथ्य सही पाए गए। ठेकेदार मजदूरों को अनुबंध पर लाया था जांच में सामने आया कि ठेकेदार शहाबुद्दीन खान ने तीनों मजदूर परिवारों को किसी अन्य स्थान से अनुबंध पर बमोरी में काम पर लगाया था। ठेकेदार ने उनके पुराने कर्ज का भुगतान किया था और तब से उन्हें बमोरी में काम करवा रहा था। मजदूरों से निर्धारित घंटों से अधिक काम करवाने की बात भी सामने आई। मजदूरों को उनके गांव भेजा जाएगा हालांकि मजदूरों की आवाजाही पर रोक नहीं थी और उन्हें रहने के लिए कमरे दिए गए थे, प्रशासन ने परिस्थितियों को देखते हुए इसे बंधुआ मजदूरी माना। मुक्त कराए गए मजदूरों का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और उन्हें उनके मूल गांव भेजने की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन ने कहा है कि जिले में किसी भी प्रकार की बंधुआ मजदूरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।


