भास्कर न्यूज | अमृतसर पंजाब रोडवेज पनबस-पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब 25/11 की हड़ताल के पहले दिन बस वर्कशाप पर धरना दिया। इस दौरान प्रधान जोध सिंह और बलजीत सिंह ने बताया कि गत 2 जनवरी को पंजाब परिवहन मंत्री ने खानापूर्ति के लिए बैठक की थी। मंत्री ने बैठक में विभिन्न परिवहन संगठनों को शामिल कर परिवहन कर्मचारियों को 10 साल की डाउन कैडर नीति लागू करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की है। जिसमें परिवहन के स्थाई कर्मचारियों को कोई विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग की सेवा नियमावली के तहत ही पक्का किया जाए। लेकिन एक साल से समय खराब किया जा रहा है। परिवहन कर्मचारियों की मांगों को हल करने के लिए परिवहन मंत्री द्वारा बीती 9 फरवरी 2024 को एक समिति का गठन किया गया था। जिसमें 2 माह के भीतर मांगों का समाधान करने का लिखित आश्वासन दिया गया था। रखी गई 7 मांगों में से एक भी मांग का समाधान नहीं हुआ। पंजाब के साथ लगते राज्य हरियाणा और हिमाचल में 2 से 3 साल से काम कर रहे कर्मचारियों को पक्का किया गया। तीन साल बाद भी सरकार ने विभाग में नई बसें लगाने की अनुमति नहीं दी है। अब हरियाणा से नया ठेकेदार लाया जा रहा है और पंजाब का रोजगार खत्म किया जा रहा है। जिसके विरोध में 6 से 8 जनवरी तक बसों का चक्का जाम किया गया है। उनकी ओर से पंजाब में सरकारी विभाग बचाने और अपना रोजगार सुरक्षित करने के लिए सरकार के खिलाफ संघर्ष किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 7 जनवरी को मुख्यमंत्री के आवास पर धरना दिया जाएगा। यदि मांगों का समाधान नहीं किया गया तो यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होगी, जिसमें आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के घर के सामने धरना दिया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रबंधन की होगी।