भोपाल-राजगढ़ बॉर्डर पर पार्वती नदी में से गुजरना प्रतिबंधित:50 साल पुराने ब्रिज पर पहले से रोक; अब टेम्प्रेरी कच्चे रास्ते से भी नहीं गुजर सकेंगे

भोपाल-राजगढ़ बॉर्डर पर रुनाहा के पास स्थित 11 महीने पहले करीब 50 साल पुराना ब्रिज धंस गया था। कई दिन वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रही। सुरक्षा के लिहाज से ब्रिज के दोनों ओर 4 फीट दीवारें उठा दी गई। वहीं, कुछ दूर नदी के स्टॉपडैम में ही मुर्रम-गिट्‌टी बिछाकर 100 मीटर लंबा एक वैकल्पिक रास्ता बनाया। इसके बाद बड़ी गाड़ियां गुजरने लगी। इसी टेम्प्रेरी यानी, वैकल्पिक रास्ते से भी गाड़ियों के गुजरने पर रोक लगा दी गई है। एडीएम अंकुर मेश्राम ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 के अंतर्गत बैरसिया से नरसिंहगढ़ (राजगढ़) के लिए निर्मित कच्चे वैकल्पिक मार्ग से भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित किया है। बैरसिया से नरसिंहगढ़ रोड पर स्थित पार्वती नदी के नए पुल के निर्माण तक यह रोक रहेगी। हादसे बने प्रतिबंध लगाने की वजह
एडीएम मेश्राम के आदेश में कहा गया है कि बैरसिया से नरसिंहगढ़ मार्ग स्थित पार्वती पुल के क्षतिग्रस्त होने से स्टॉपडेम के पास कच्चा वैकल्पिक रास्ते का निर्माण किया गया था। जिसके ऊपर से भारी वाहनों के निकलने से यह मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो सकता है। ऐसे में हादसे होने का खतरा है। इसलिए अब इसके ऊपर से भी नहीं गुजरा जा सकेगा। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। वैकल्पिक रास्ते में पानी, इसलिए वाहन फंस रहे
साल 1976 में रुनाहा से नरसिंहगढ़ तक सड़क MPRDC यानी मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने बनाई थी। वहीं, ब्रिज पीडब्ल्यूडी ने बनाया था। इसी साल 17 जनवरी को ब्रिज एक जगह से धंस गया था। एहतियातन बैरसिया एसडीएम आशुतोष शर्मा ने ब्रिज से आने-जाने पर रोक लगा दी थी। कुछ दिन बाद स्टॉपडैम से पानी खाली कर डायवर्सन रूट तैयार किया गया था। बारिश से पहले तक इसी रूट से बस, ट्रक समेत चार पहिया और टू-व्हीलर गुजर रहे थे, लेकिन बारिश की वजह से स्टॉपडैम में पानी भर गया। जिससे रास्ता बंद हो गया। बारिश थमने और स्टॉपडैम से पानी कम हुआ। इस वजह से कई वाहन चालक खतरा लेते हुए इसके ऊपर से गुजर रहे हैं। अक्टूबर में एक बस तिरछी हो गई थी। इसे जैसे-तैसे निकाला तो एक दिन पहले ही एक ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क से स्टॉपडैम के पानी में गिर गई। ट्रैक्टर में चार लोग सवार थे, जो बच गए। इसके बाद भी लगातार वाहन गुजर रहे हैं। कई बार पानी होने का आकलन नहीं लगा पाने से ड्राइवर गाड़ियों को नीचे उतार देते हैं। ऐसे में वाहन हादसे का शिकार होने से बच जाते हैं। नेशनल हाईवे से जोड़ता है ब्रिज
बैरसिया-नरसिंहगढ़ रोड पर बना यह ब्रिज मेघरा नवीन गांव में है। यह भोपाल जिले का गांव है जबकि दूसरी तरफ राजगढ़ जिले का बरायठा गांव है। भोपाल, राजगढ़ के अलावा गुना, विदिशा, शिवपुरी, अशोकनगर, आगर-मालवा, शाजापुर, इंदौर, उज्जैन आने-जाने के लिए भी ब्रिज का उपयोग किया जाता है। जब ब्रिज ठीक था, तब एक दिन में डेढ़ से 2 लाख तक लोग गुजरते थे। वर्तमान में 8 से 10 हजार लोग गुजर रहे हैं। यह ब्रिज आगरा-बंबई राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जोड़ता है। 49 साल में सिर्फ 2 बार हुई थी मरम्मत
करीब 49 साल पुराने ब्रिज की आखिरी बार मरम्मत साल 2019-20 में की गई थी। इसके पहले भी एक बार मरम्मत की गई थी। मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से ब्रिज जर्जर हालत में पहुंच गया था। ये खबरें भी पढ़िए… शर्मा, साहू-शुक्ला की बसें छोड़ रही…इम्तियाज ले जा रहा सवारी भोपाल और राजगढ़ जिले की बॉर्डर पर बना पार्वती नदी का पुल जनवरी में धंस गया था। इसके बाद से इसके ऊपर से आवागमन बंद कर दिया गया। भोपाल-राजगढ़ बॉर्डर पर रूनाहा के पास स्थित 10 महीने पहले 49 साल पुराना ब्रिज धंस गया था। कई दिन वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रही। सुरक्षा के लिहाज से ब्रिज के दोनों ओर 4 फीट दीवारें उठा दी गई। वहीं, कुछ दूर नदी के स्टॉपडैम में ही मुर्रम-गिट्‌टी बिछाकर 100 मीटर लंबा एक वैकल्पिक रास्ता बनाया। इसके बाद बड़ी गाड़ियां गुजरने लगी। यही जर्जर ब्रिज अब फिर सुर्खियों में है। दिवाली के बाद भाईदूज पर हजारों लोग टू-व्हीलर लेकर पहुंच गए। एक-दूसरे के बीच टूटी दीवारों से गुजरने की होड़ लगी। जिससे जाम लग गया। बड़े हादसे की आशंका के बाद बैरसिया एसडीएम आशुतोष शर्मा ने सुरक्षाकर्मी तैनात किए। पढ़े पूरी खबर बस के पहिये उछले तो पता चला-ब्रिज क्रैक है:पार्वती पुल से झांकने लगे सरिये, रैलिंग टूटी भोपाल-राजगढ़ बॉर्डर पर पार्वती नदी पर बना 49 साल पुराना ब्रिज धंस गया। 2 दिन से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद है। इससे भोपाल, राजगढ़, विदिशा, गुना के हजारों लोगों को 30 से 50 किलोमीटर तक लंबा फेरा लगाना पड़ रहा है। वैकल्पिक रास्ते के लिए नदी पर बने स्टॉपडैम से पानी खाली किया जा रहा है। ऐसे में अगले 2-3 दिन और रास्ता बंद हो सकता है। साल 1976 में इस पुल को MPRDC यानी मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने बनाया था। ब्रिज कैसे क्रैक हुआ और अचानक रास्ते को बंद किए जाने की नौबत क्यों बनी? यह जानने दैनिक भास्कर टीम मौके पर पहुंची। पता चला कि पुल की 49 साल में सिर्फ 2 बार रिपेयरिंग की गई है। आखिरी बार मरम्मत साल 2019-20 में की गई थी। पढ़े पूरी खबर ​​​

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