पनबस-पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन की ओर से मांगों को लेकर सोमवार से सरकारी बसों का चक्का जाम कर दिया, जो बुधवार तक रहेगा। हालांकि निजी बसें चलने से यात्रियों को कुछ राहत रही मगर चंडीगढ़ और दिल्ली जाने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। अमृतसर से पंजाब रोडवेज की ओर से पक्के मुलाजिमों के साथ सोमवार को 191 में से 21 बसें ही चलाई गई। बसों की कमी के चलते ज्यादातर रूट प्रभावित रहे, जो सर्विस 5 मिनट में मिलती थी वो आधे घंटे में दी गई। रोडवेज की बसों में फ्री सफर करने वाली महिलाओं को निजी बसों में किराया खर्च करना पड़ा। हड़ताल के चलते बस स्टैंड पर यात्री कम रहे मगर जो प्राइवेट बसें चली उनमें काफी भीड़ रही। रोजाना ड्यूटी के लिए जालंधर-पठानकोट जाने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रोडवेज ने दिल्ली के लिए कोई भी बस रवाना नहीं की जबकि रोजाना 17 बसें जाती हैं। वहीं चंडीगढ़ के लिए भी एक बस ही भेजी गई। पंजाब रोडवेज ने पक्के कर्मचारियों की छुट्टी बंद कर सभी को ड्यूटी पर लगाया है। रोडवेज की ओर से यात्रियों को सुविधा देने के लिए जालंधर और लुधियाना तक 20 बसें चलाई गई जिसमें से जालंधर जाने वाली बसों ने 2 फेरे लगाए और लुधियाना जाने वाली बस ने एक फेरा ही लगाया। विभाग की ओर से चंडीगढ़ के लिए सिर्फ एक सरकारी बस चलाई गई। बाकी चंडीगढ़ जाने वाले लोगों को जालंधर से आगे चंडीगढ़ की बस पकड़नी पड़ी। वहीं दूसरी तरफ 25 प्राइवेट बसें मोहाली तक चलाई गईं और 90 प्राइवेट बसों ने बस स्टैंड में लोगों को सुविधा दी। लोपोके, चौगांवा, अजनाला आदि में सफर करने वाले यात्रियों ने मिनी बसों के सहारे सफर किया। 60 मिनी बसें चलती रही। पंजाब रोडवेज के कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रोजाना बस स्टैंड से करीब 1200 बसों का आवागमन होता है, लेकिन हड़ताल के कारण प्राइवेट और सरकारी बसें मिलाकर 250 बसों का आवागमन रह गया। उन्होंने बताया कि हड़ताल के कारण बस स्टैंड में सवारियां भी कम हो गई है। बस स्टैंड पर जसवंत कौर निवासी फतेहपुर ने बताया कि उसने अपनी बेटी से मिलने बटाला जा रही है, लेकिन सरकारी बसें बंद हैं। ऐसे में उसे प्राइवेट बस में सफर करना पड़ेगा। गुरमीत कौर निवासी कुकड़ावाला ने बताया कि गुरदासपुर निजी काम से जाना है, लेकिन प्राइवेट बस में भी भीड़ है। ऐसे में दूसरी बस का इंतजार कर रही हूं। पनबस-पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन की ओर से की हड़ताल के कारण बस स्टैंड पर परेशान होते यात्री।