पहली बार जीएनडीएच में पार्किंग का ठेका 45.60 लाख में, अस्पताल आने वालों से बाइक के 20 और कार के 30 रुपए वसूले जा रहे

सरकारी मेडिकल कॉलेज के तहत गुरु नानक देव अस्पताल में रोजाना 3 हजार लोगों का आना जाना होता है। यहां 1 महीने बाद पार्किंग का ठेका हो गया है। मगर हैरानी की बात है कि ओपीडी में पर्ची की फीस 10 रुपए है, मगर बाइक का पार्किंग शुल्क 20 रुपए रखा गया है। एक तरफ सरकार फ्री इलाज का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ 45 लाख 60 हजार में पार्किंग का ठेका दिया गया है। पार्किंग ठेकेदार पूरी राशि की वसूली मरीजों और उनके अटेंडेंट से ही करेंगे। पार्किंग का इतना महंगा ठेका पहली बार हुआ है। इसके अलावा ठेकेदारों को 18 प्रतिशत जीएसटी भी अतिरिक्त देना पड़ेगा। इससे पहले 24 लाख में ठेका हुआ था। ठेके के मुताबिक मरीजों के लिए दोपहिया वाहन का 20, कार का 30 और बड़ी प्राइवेट गाड़ी का 100 रुपए चार्ज रखा गया है। हैरानी की बात है कि 10 रुपए में इलाज के बाद पार्किंग शुल्क 20 रुपए तय कर दिए गए हैं। ठेका देने से पहले भी प्रबंधन की ओर से इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इससे जाहिर है कि यह इनडायरेक्ट तरीके से वसूली है। ठेके के मुताबिक एबुंलेंस से एंट्री के लिए किसी प्रकार का चार्ज नहीं लिया जाएगा। बाइकों के लिए 20 रुपए वन टाइम एंट्री रखी गई है। यदि बाहर से एबुलेंस खाली आती है तो उससे 30 रुपए लिए जाएंगे। यदि कोई एबुलेंस मरीज को लेकर आती है तो उनसे किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह ठेका बेंगलुरू की कंपनी को दिया गया है। इससे पहले श्री गुरु रामदास जी अस्पताल में यही कंपनी पार्किंग का ठेका चला रही है। इसके लिए गुरु नानक देव अस्पताल की पार्किंग में 20 कर्मचारियों को लगाया गया है। हर गेट से अंदर आने वाले व्यक्ति को पार्किंग की पर्ची कटानी पड़ेगी। क्योंकि हर गेट पर कर्मचारियों को पर्चियां काटने के लिए बिठाया गया है। कुछ लोग जीएनडीएच के कैंपस के रास्ते को केवल मजीठा रोड की तरफ आने जाने के लिए प्रयोग करते हैं, लेकिन अब उन लोगों को भी शुल्क देना पड़ेगा। जीएनडीएच में 3 शिफ्टों में स्टाफ कार्य करता है। कुछ लोग ऑनलाइन फूड मंगवाते हैं, लेकिन पार्किंग कर्मचारियों की ओर से डिलीवरी बॉयज से भी पैसे चार्ज किए जा रहे हैं। इसलिए वह अंदर नहीं आते। स्टाफ को खाना लेने के लिए बाहर आना पड़ रहा है। एक जनवरी से यह ठेका शुरू होते ही कर्मचारियों ने शुल्क लेना शुरू कर दिया। पर्ची पर गुरु नानक अस्पताल नाम लिखा होने पर एक व्यक्ति ने अस्पताल में आकर हंगामा किया था। उनका कहना था िक पर्ची को फाड़कर लोग पैरों में फेंक देते हैं। इससे गुरु नाम का निरादर होता है। उसके बाद कर्मचारियों ने वह पर्ची बंद कर दी है। नई पर्ची में जीएनडीएच छपवाया जाएगा। 30 नवंबर को पुराने ठेकेदारों की ओर से तय रेट से ज्यादा पैसे वसूलने पर यहां का ठेका रद्द कर दिया गया था। वह रात में 4 गुना ज्यादा रेट वसूलते थे। जीएनडीएच में ओपीडी के सामने बनी पार्किंग में पुरानी गाड़ियां और ऑटो लगाए हुए थे। इन ऑटो में बैठकर कई बार युवाओं को नशे के टीके लगाते देखा जा चुका है। पार्किंग का नया ठेका होते ही इन वाहनों को गेट के पास शिफ्ट कर िदया गया है। इसमें पुलिस का भी सहयोग रहा है। जिस जगह पर इन वाहनों को लगाया गया है। वहां ग्रिल लगाकर उन्हें कवर िकया जाएगा।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *