सोमवार को सरबंसदानी, दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का पावन प्रकाश पर्व सचखंड श्री दरबार साहिब में श्रद्धा भाव से मनाया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में संगत ने पावन तीर्थ में पहुंच कर स्नान और दर्शन-दीदार करते हुए गुरबाणी श्रवण किए। कड़ाके की ठंड के बावजूद संगत का आना तड़के अमृत बेले से शुरू हो गया था, जो देर रात तक जारी रहा। इस दौरान सचखंड साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब में सुंदर जलौ सजाए गए। इस बीच प्रकाश पर्व के संबंध में एसजीपीसी द्वारा गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हॉल में रखवाए गए श्री अखंड पाठ साहिब के भोग भी डाले गए। समागम में श्री दरबार साहिब के रागी भाई हरपाल सिंह के जत्थे ने कीर्तन किया। अरदास भाई गुरचरण सिंह ने की, जबकि पवित्र हुक्मनामा सचखंड श्री दरबार साहिब के ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी राजदीप सिंह ने संगतों को श्रवण करवाया।
इस दौरान उन्होंने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन इतिहास को संगत के साथ साझा किया और संगत को अमृत छकने के लिए प्रेरित किया। गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब में रागी, ढाडी, कविशर, प्रचारकों और पंथक कवियों ने पूरे दिन धार्मिक दीवान में भाग लिया और संगत के साथ गुरु साहिब के जीवन इतिहास को साझा किया। इस बीच, सचखंड साहिब के मुख्य ग्रंथी और श्री अकाल तख्त के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने संगत को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की बधाई दी और गुरु की शिक्षाओं पर चलने और अमृतधारी होने के लिए प्रेरित किया। समागम में अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी अमरजीत सिंह, ज्ञानी राजबीर सिंह, ज्ञानी बलजीत सिंह, ज्ञानी परविंदरपाल सिंह, ज्ञानी केवल सिंह, एसजीपीसी मेंबर सुरजीत सिंह भिट्टेवड, भाई मनजीत सिंह भूराकोना, भाई अजायब सिंह अभ्यासी, भाई चरणजीत सिंह जस्सोवाल, मैनेजर भगवंत सिंह धंगेड़ा, सुपरिंटेंडेंट मलकीत सिंह बहिड़वाल, मैनेजर जगतार सिंह, नरिंदर सिंह, अतिरिक्त मैनेजर इकबाल सिंह मुखी, सीनियर बिक्रमजीत सिंह झांगी, गुरिंदर सिंह देवीदासपुर, जुगराज सिंह, गुरतिंदरपाल सिंह आदि मौजूद थे।