परम पूज्य भगत हंसराज जी महाराज के शिष्य तिलक राज वालिया की अध्यक्षता में न्यू अमृतसर के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में सुंदरकांड पाठ महान यज्ञ आयोजन किया। दुर्ग्याणा के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में हुए सुंदरकांड पाठ को सुनने राम भक्त बसों समेत अन्य वाहनों में पहुंचे। इसमें वालियां जी ने सुंदरकांड पाठ के दसों सर्गों पर प्रवचन किए। उन्होंने कहा कि राम जी की रावण पर विजय सारे संसार के इतिहास में एक अनोखी विजय थी। जिसमें राज्य पक्ष पर कोई भी बंधन नहीं लगाया गया। वहीं न धन लिया और न ही कोई कर लेने का निश्चित किया गया। किसी की जमीन की मांग नहीं की गई। वहीं प्रभु श्री राम ने लंका के कोष और शास्त्रों पर कोई कब्जा नहीं किया। उन्होंने किसी को भी निहत्था नहीं किया और न ही किसी का अपमान किया। जबकि विजय प्रदर्शन यात्रा भी नहीं निकाली गई। जीत होने के बाद प्रभु श्री राम ने हनुमान जी को माता सीता को लाने भेजा। प्रभु श्री राम के इशारे पर लक्ष्मण जी ने विभीषण को लंका का राज पाठ सौंपकर राजा घोषित कर दिया। इस मौके पर दुर्ग्याणा मंदिर के महासचिव अरुण खन्ना, गुलशन, बलदेव सिंह, सुभाष खन्ना, संजय मलिक, विक्रम गोयल मनमोहन गुप्ता, रमन सहगल, कमल कपूर, दीपक चतरथ के साथ मिलकर पवित्र ज्योति जलाई। इस मौके पर हैप्पी कोछड़, प्रिंस महाजन, विनीत शर्मा, अशोक गुप्ता, नीलम शर्मा, अमित महाजन समेत अन्य राम भक्तों ने मिलकर सेवा निभाई।