आज शाम छोड़ेंगे बीसलपुर बांध की नहरों में पानी:जल वितरण समिति की बैठक में लिया निर्णय, 81800 हैक्टेयर फसलों की होगी सिंचाई

बीसलपुर बांध से बुधवार शाम को नहरों में पानी छोड़ा जाएगा। बुधवार दोपहर को कलेक्टर कल्पना अग्रवाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में हुई जल वितरण समिति की बैठक में लिया है। यह नहरें 15 मार्च तक खुली रहेगी। इस बांध की दाएं और बाएं नहर से 81800 हैक्टेयर फसलें सिंचित होगी। यह 16वीं बार पानी छोड़ा जाएगा। सिंचाई में जुटे किसान इसी के साथ किसानों में खुशी का माहौल है। वे अब अपनी रबी की फसलों की सिंचाई करने की तैयारियों में जुट गए है। खाद व्यवस्था में लगे हुए हैं।क्योंकि यूरिया की किल्लत से जिले के किसान जूझ रहे है। इसलिए अब यह परेशान नहरों में पानी छोड़ने के साथ ही और बढ़ेगी। उधर इस निर्णय के साथ ही बीसलपुर बांध परियोजना प्रबंधन भी नहरों में पानी छोड़ने की तैयारी को लेकर नहरों का सफाई कार्य तेज कर दिया है। हालांकि साफ सफाई का कार्य अधिकांश पूरा कर लिया है। बैठक में मौजूद बीसलपुर बांध परियोजना के अधीक्षण अभियंता प्रहलाद राय खोईवाल, XEN मनीष बंसल ने बताया नहरों की सफाई के दी गई है, हमारी ओर से 12 दिसंबर को नहरों में पानी छोड़ने की मंशा थी। लेकिन, किसानों की मांग पर आज शाम करीब 5 बजे दाएं बाएं नहर में पानी छोड़ने का निर्णय लिया है। बैठक में बीसलपुर बांध परियोजना के AEN दिनेश कुमार बैरवा, किसान नेता रतन लाल खोखर, रामेश्वर चौधरी आदि मौजूद थे। इस साल कम जाएगा नहरों में पानी इस साल पिछले साल के मुकाबले नहरों में पानी कम छोड़ा जाएगा। क्योंकि गत साल बांध से नहरों में पानी 22 नवम्बर से 15 मार्च तक 112 दिन तक पानी छोड़ा गया था। बीसलपुर बांध से इस बार करीब 80 दिन देरी से नहरों में पानी छोड़ेंगे। इस साल रिकॉर्ड तोड़ बारिश होने से खेतों में पानी भरा था। ऐसे में फसलों की बुवाई थोड़ी दिन देरी से हुई थी। इससे पानी की डिमांड भी अब बनी है। इस पर आज बैठक के अब पानी नहरों में छोड़ने का निर्णय लिया है। इससे पहले 4 दिसम्बर को ही बीसलपुर बांध का आखिरी गेट बंद किया था। इस साल बांध के 134 दिन गेट खुले रहे थे। इससे बनास नदी में बांध 140.821टीएमसी पानी व्यर्थ बहा था। इससे बीसलपुर बांध साढ़े तीन बार भरा जा सकता था। अभी एक गेट के जरिए बनास नदी में पानी छोड़ा दाईं नहर है सबसे बड़ी: बीसलपुर बांध की 51.6 किमी लम्बी दायीं और 18.65 किमी लम्बी बायीं नहर तथा वितरिकाओं (कुल लम्बाई करीब 750 किमी) की मरम्मत और सफाई का काम जोरों पर है। दोनों नहरों और उनकी वितरिकाओं के जरिए नास 81 हजार से अधिक क्षेत्रफल में उगी रबी की फसलों और सब्जियों को सिंचाई का पानी उपलब्ध होगा। साल 2019 में 64 दिन खुले थे गेट: इस साल बीसलपुर बांध लबालब होने पर 24 जुलाई को बांध का एक गेट खोला था। फिर पानी बढ़ा तो कुछ दिन बाद अधिकतम 8 गेट इस साल खोले गए थे। इसके बाद पानी की आवक कम होने बांध का एकमात्र गेट खोलकर रखा गया, जिसे 90 दिन बाद 21 अक्टूबर को बंद किया था। इसी के साथ बीसलपुर बांध ने लगातार सबसे अधिक 90 दिन पानी निकासी का रिकॉर्ड बनाया था। तेज बारिश से बढ़ी आवक, फिर खुले गेट: इस सीजन में बांध के गेट 24 जुलाई खोले गए थे और 21 अक्टूबर को बंद किए थे। अक्टूबर महीने के आखिरी सप्ताह में बारिश होने से बांध में फिर से पानी की आवक बढ़ गई थी। इसके चलते पहली बार बांध के अक्टूबर माह के लास्ट वीक में 28 अक्टूबर को दोपहर को बांध का फिर एक गेट खोला गया था। उसे 4 दिसंबर को बंद किया था। किस साल कितना पानी बनास नदी में छोड़ा: बीसलपुर बांध के गेट अब तक 8 बार खोले जा चुके हैं। पहली बार इसमें 2004 में पानी रोका गया था।उस साल 26.18 टीएमसी पानी निकासी की गई थी। इसी तरह फिर 2006 में 43.25 टीएमसी, 2014 में 11.202 टीएमसी, 2016 में 134.238 टीएमसी, 2019 में 93.605 टीएमसी, 2022 में 13.246 टीएमसी, 2024 में 31.433 टीएमसी और इस साल 135 टीएमसी से ज्यादा पानी की निकासी बनास नदी में की गई है। बांध का कितना पानी किसके लिए आरक्षित बीसलपुर बांध प्रोजेक्ट के एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि टोंक जिले में सिंचाई के लिए 8 टीएमसी पानी, पेयजल के लिए 16.2 टीएमसी पानी आरक्षित है। इसके अलावा 8.15 टीएमसी वाष्पीकरण व अन्य खर्च माना गया है। बांध की भौगोलिक स्थिति बीसलपुर बांध के 18 गेट हैं जो 15 गुणा 14 मीटर की साइज के हैं। बांध की लंबाई 576 मीटर व समुद्र तल से ऊंचाई 322.50 मीटर है। बांध की कुल जल भराव में 68 गांव डूब चुके हैं। इसमें 25 गांव पूर्ण रूप से व 43 गांव आंशिक रूप से डूब क्षेत्र में आते हैं। बांध का जलभराव क्षेत्र 25 किलोमीटर है जिसमें कुल 21 हजार 300 हेक्टेयर भूमि जलमग्न होती है। 83 हजार हेक्टेयर में होती बांध की नहरों से सिंचाई: बीसलपुर बांध के निर्माण के साथ ही इसके नहरी तंत्र का निर्माण भी 2004 में पूरा हुआ था। टोंक जिले में सिंचाई के लिए बांध की 2 मुख्य नहरें हैं। एक नहर की कुल लंबाई 51.70 किलोमीटर व दूसरी की 18.65 किलोमीटर है। जिनसे जिले की 81800 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। मुख्य दाईं नहर से 69 हजार 393 हेक्टेयर व बाएं नहर से 12 हजार 407 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। ये बने है इस साल सात रिकॉर्ड: 1.दिसंबर माह में पहली बार गेट खुला रहना 2.सबसे ज्यादा पानी की निकासी होना 3.लगातार दूसरे साल गेट खुलना 4.पहली बार जुलाई में गेट खोलना 5.पहली बार अक्टूबर में फिर से गेट खुलना 6.नवंबर महीने में भी गेट खुले रहना 7.सबसे ज्यादा दिनों (134 दिन) तक गेट खुले रहना

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *