कोरबा में एसईसीएल की करतली ईस्ट परियोजना का विरोध तेज हो गया है। पाली-तानाखार क्षेत्र के विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम के नेतृत्व में प्रभावित पांच गांवों के ग्रामीणों ने पाली के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में बैठक की। ग्रामीणों ने एसईसीएल के प्रस्तावित ड्रोन सर्वे का एक स्वर में विरोध करते हुए कहा कि यदि जबरदस्ती की गई तो वे इसका डटकर मुकाबला करेंगे। यह परियोजना एसईसीएल के कोरबा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। परियोजना के लिए ग्राम पुटा, तहसील हरदीबाजार की भूमि का अधिग्रहण कोल बीयरिंग एक्ट (CBA) के तहत किया जा रहा है। इस संबंध में धारा 9(1) का प्रकाशन 23 फरवरी 2011 को और धारा 11 का प्रकाशन 14 सितंबर 2011 को किया गया था। 10 दिसंबर से होगा ड्रोन सर्वे एसईसीएल कोरबा के नोडल अधिकारी (भू-राजस्व) ने एक पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि एसईसीएल कोरबा क्षेत्र द्वारा 10 दिसंबर 2025 से 20 दिसंबर 2025 के बीच ड्रोन सर्वे कराया जाएगा। इसी सर्वे का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में उनकी आधी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, जबकि आधी जमीन छोड़ दी जा रही है। इससे उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उनकी मांग है कि संबंधित विभाग उनकी पूरी जमीन का अधिग्रहण करे, ताकि वे दूसरी जगह जाकर अपना जीवन-यापन कर सकें। ग्रामीणों ने अधिग्रहण नियमों के पालन और मुआवजे की मांग की ग्रामीणों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे राष्ट्रीय विकास के लिए अपनी जमीन देने को तैयार हैं, लेकिन अधिग्रहण के नियमों का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने उचित मुआवजे और विस्थापितों को तत्काल आवास, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है। इस मुद्दे पर गांवों में कई बैठकें हो चुकी हैं, और ग्रामीण एकजुट होकर सर्वे का विरोध कर रहे हैं। वे लगातार अपनी मूलभूत सुविधाओं और शासन से मिलने वाले लाभों को प्रदान करने की मांग कर रहे हैं।


