मध्यप्रदेश के मंदसौर में राष्ट्रीय शालेय 68वीं हॉकी स्पर्धा का शुक्रवार को फाइनल खेला गया। आज का दिन झारखंड की टीम को समर्पित रहा। सुबह 11.30 बजे मप्र व झारखंड अंडर-14 की बालिका टीम की खिलाड़ी मैदान में उतरी। 60 मिनट की कशमकश में झारखंड ने मप्र को 2-0 से हरा दिया। झारखंड की ओर से सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, सिमडेगा की छात्रा राजमुनि ने पहला गोल किया। वहीं सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बरियातू की छात्रा सुगन सांगा ने दूसरा गोल िकया। टीम में आरती बड़ाइक कोच और एम्मा बारा टीम मैनेजर की भूमिका में थीं। झारखंड की जीत पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री रामदास सोरेन, विभागीय सचिव उमाशंकर सिंह ने टीम को बधाई दी है। खास बात रही कि झारखंड की बेटियों ने पूरे टूर्नामेंट में 06 मुकाबले खेले। उनकी डिफेंडिंग व गोल कीपिंग की ट्रेनिंग ऐसी थी कि देशभर की कोई भी टीम एक गोल भी नहीं कर सकी। मध्यप्रदेश को सिर्फ फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी मीर रंजन नेगी ने कहा कि खेल जीवन का सबसे शानदार प्रतिबिंब होता है। यहां सबको पहले चोट लगती है, उसके बाद मुकाम प्राप्त होता है। यहां का मुकाबला चक दे इंडिया से कम नहीं था, बल्कि उससे ज्यादा अच्छा लगा। मंदसौर का आयोजन बहुत ही खूबसूरत आयोजन था। विगत 10 सालों में सबसे अच्छा टूर्नामेंट मंदसौर का देखने में लगा। मध्यप्रदेश की टीम ने भी बहुत अच्छा प्रयास किया। जो अच्छा खिलाड़ी होता है, वह समस्याओं से लड़ना जानता है। सभी खिलाड़ी अच्छे इंसान बनकर उभरे। यह भी रहा खास : मंदसौर के नाम सफल प्रतियोगिता 5 दिन में 25 टीमों के बीच 46 मुकाबले हुए। 3 मैदानों पर मुकाबले चले, एक रिजर्व रहा। अधिकांश अंपायर भोपाल से आए थे। मंदसौर में पहली बार हुई शालेय राष्ट्रीय स्पर्धा। विजेता झारखंड ने कुल 54 गोल किए। खुशी जीत की… झारखंड टीम ने मैदान पर मनाया जीत का जश्न।