रांची के पुंदाग में भव्य व अनूठा श्री राधा-कृष्ण मंदिर बनकर तैयार हो गया है। उद्घाटन 5 जनवरी को भव्य कार्यक्रम के साथ किया जाएगा। मौके प्रणामी समाज के 20 संत मौजूद रहेंगे। वृंदावन से सदानंद महाराज व सिल्लीगुड़ी से मोहनप्रियाचार्य महाराज के सानिध्य में पूजन-अनुष्ठान होंगे। शहर के 1500 से ज्यादा गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे। 5 जनवरी से यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएगा। श्री कृष्ण प्रणामी ट्रस्ट के सौजन्य से बन रहे इस मंदिर का निर्माण 7 साल में किया गया है। इसकी लागत लगभग 2 करोड़ रुपए है। ट्रस्ट के सचिव मनोज चौधरी ने बताया कि मंदिर पूरा सफेद रंग का बनाया गया है। यह झारखंड में सबसे बड़ा श्री राधा-कृष्ण मंदिर है। निर्माण 3500 वर्ग फीट में किया गया है। मुख्य मंदिर के अंदर के दीवारों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर महाभारत तक की झांकियां दिखाई गई हैं। जीआरपी शीट, सीमेंट और मार्बल से मंदिर बनाया गया है। मंदिर के अंदर मिरर वर्ग किया गया है। दिल्ली के कारीगरों ने मिरर डिजाइन किया है। संस्था का उद्देश्य सेवा कार्य : डुंगरमल ट्रस्ट के अध्यक्ष डुंगरमल अग्रवाल ने कहा कि संस्था का उद्देश्य सिर्फ सेवा कार्य करना है। 180 सप्ताह से प्रत्येक रविवार को नि:शुल्क श्रीकृष्ण प्रणामी अन्नपूर्णा भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक सप्ताह 1000 से 1500 लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है। दिव्यांग जनों की सेवा निरंतर जारी : निर्मल ट्रस्ट के उपाध्यक्ष निर्मल जालान ने बताया कि सेवा कार्य भी ट्रस्ट द्वारा किया रहा है। मंदिर के दूसरे तल में अपना घर आश्रम बनाया गया है। इस आश्रम में वैसे दिव्यांग को रखा जाता है, जो सड़क पर पड़े रहते हैं या फिर परिवार से बिछड़ जाते हैं। अभी तक 32 ऐसे जरूरतमंदों की सेवा की जा रही है। वस्त्र, मुकुट, मुरली की होगी पूजा : मनोज मनोज चौधरी ने बताया कि मंदिर के मुख्य द्वार के ऊपर गोवर्धन पर्वत उठाए भगवान श्री कृष्ण की वृहद प्रतिमा है। वहीं दूसरे द्वार पर भगवान श्रीकृष्ण की गोपियों के संग रासलीला करते भगवान सुदर्शन की प्रतिमा है। मुख्य मंदिर में ग्रंथ, भगवान के वस्त्र, मुकुट, मुरली आदि की पूजा की जाएगी।