राजगढ़ के जिला चिकित्सालय में सरेआम रिश्वत ली जा रही है। सारंगपुर के सरेड़ी निवासी शिकायतकर्ता ने अस्थिरोग विशेषज्ञ और मेडिकल बोर्ड के कर्मचारी पर रिश्वत लेने के आरोप के लगाए। शिकायतकर्ता ने वीडियो के साथ CMHO और कलेक्टर से शिकायत की। वहीं मामले में CMHO का कहना है कि कहां ली जा रही रिश्वत मुझे तो नहीं दिख रहा। पीड़ित देव वर्मा ने शिकायत के बाद कार्रवाई नहीं होने पर दैनिक भास्कर को वीडियो उपलब्ध करवाते हुए घटना की जानकारी दी। पीड़ित का कहना है की उसके दोस्त कमल वर्मा निवासी सरेड़ी का हाथ फ्रेक्चर हो गया था। 16 नवंबर को राजगढ़ जिला चिकित्सालय में लेकर पहुंचे तो अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉक्टर रजनीश शर्मा ने पट्टा चढ़ाने की एवज में 1500 रुपए रिश्वत मांगी। अनुनय विनय करने के बाद 500 रुपए लिए तब जाकर पट्टा चढ़ाया गया। घटना का वीडियो शिकायतकर्ता ने बना लिया। फिर मेडिकल बोर्ड में अस्वस्थता का प्रमाणपत्र बनवाने गए तो वहां के कर्मचारी भारत नामदेव ने पैसे मांगे। जहां 100 रुपए अलग से देने के बाद ही प्रमाणपत्र बनाया गया। मामले की शिकायत पीड़ित ने वीडियो के साथ जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ किरण वाडिवा से 18 नवंबर को की, कार्रवाई नहीं होने के बाद 22 नवंबर को कलेक्टर राजगढ़ से शिकायत की उसके बाद जिला चिकित्सा अधिकारी ने 22 नवंबर को दो दिन में कारण बताने का नोटिस जारी किया। लेकिन एक महीना के करीब बीतने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई तो बुधवार को दैनिक भास्कर कार्यालय पहुंचा और वीडियो उपलब्ध करवाकर जानकारी दी। मामले में डॉ किरण वाडिवा से जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा की जवाब मांगा था जवाब क्या आया काम की वजह से मौ देख नहीं पाई। उनका कहना था की कहां ली जा रही रिश्वत मुझे तो कहीं नहीं दिख रहा।