चित्तौड़गढ़ में लगातार तीन दिनों से न्यूनतम तापमान में गिरावट हो रही है। शुक्रवार रात इस सीजन की सबसे सर्द रात रही है। रात के तापमान में 1.5 डिग्री की गिरावट के बाद 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जबकि अधिकतम तापमान में ज्यादा बदलाव नहीं देखा गया है। वहीं, कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि चित्तौड़गढ़ में पारा अभी तक जमाव बिंदु तक नहीं पहुंचा है इसीलिए फसलों को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा, मौसम विभाग के अनुसार चित्तौड़गढ़ में तापमान में गिरावट होने के बाद वापस पारा बढ़ सकता है। फिलहाल मौसम साफ और शुष्क रहेगा। तीन दिनों से लगातार न्यूनतम तापमान में गिरावट चित्तौड़गढ़ में ठंड का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। रात के तापमान में सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है। जबकि अधिकतम तापमान में ज्यादा बदलाव नहीं हो रहा है। न्यूनतम तापमान शुक्रवार को 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि गुरुवार को न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। बीते 24 घंटे में न्यूनतम तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। लगातार तीन दिनों से न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज हो रही है। वही देखा जाए तो अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हुई है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 24.1 डिग्री सेल्सियस और गुरुवार को अधिकतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विभाग की माने तो चित्तौड़गढ़ में न्यूनतम तापमान में अभी भी कमी आएगी और उसके बाद फिर से एक बार तापमान बढ़ेगा। लेकिन कड़ाके की सर्दी का असर जनवरी महीने तक रहने की संभावना है। फिलहाल चित्तौड़गढ़ में कोहरे की संभावना कम है। मौसम साफ और शुष्क रहेगा। फसलों को फिलहाल नुकसान नहीं कृषि अधिकारी शंकर लाल जाट ने बताया कि भले ही न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज हो रही हो लेकिन अभी तक चित्तौड़गढ़ में जमाव बिंदु की स्थिति नहीं हुई है। इसके कारण फसलों को नुकसान नहीं होने की संभावना है। जिस तरह की ठंड अभी चित्तौड़गढ़ में है उससे गेहूं, सरसों की फसलों को फायदा पहुंचेगा। फूटान अच्छे से होगा।