राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने शुक्रवार को 7066 मेगावाट बिजली उत्पादन कर अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया। इसमें 22 थर्मल इकाइयों से 6792 मेगावाट, गैस आधारित इकाइयों से 274 मेगावाट और जल विद्युत इकाइयों से उत्पादन शामिल है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने इस उपलब्धि पर निगम प्रबंधन और कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही है। बेहतर रखरखाव और संचालन की वजह से यह सफलता संभव हुई है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि यह उत्पादन 28 जनवरी 2023 के 6641 मेगावाट के रिकॉर्ड से 425 मेगावाट ज्यादा है। यह उपलब्धि जुलाई 2000 में निगम के गठन के बाद से अब तक की सबसे बड़ी है। फिलहाल निगम की 23 में से 22 इकाइयां काम कर रही हैं। रखरखाव और तकनीकी सुधारों से बड़ी उपलब्धि ऊर्जा मंत्री ने बताया- सरकार के निर्देशानुसार, निगम ने तकनीकी खामियां दूर कर उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए हैं। सुपर क्रिटिकल प्लांटों से बिजली उत्पादन में 250 मेगावाट की वृद्धि दर्ज की गई है। 18 इकाइयों का रखरखाव पूरा हो चुका है और एक पर काम जारी है। पीक डिमांड के समय इकाइयों को 85% क्षमता पर संचालित किया जा रहा है। रामगढ़ गैस टरबाइन की एक इकाई, जो दिसंबर 2021 से बंद थी, को दोबारा शुरू किया गया है। सूरतगढ़ और कोटा जैसे प्रमुख थर्मल प्लांटों में भी सुधार किए गए हैं। ऊर्जा मंत्री ने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी निगम इसी तरह उत्कृष्ट प्रदर्शन करता रहेगा।


