142 करोड़ रूपए की सोयाबीन समर्थन मूल्य पर खरीदी गई:किसानों को नहीं मिल रहा समय पर फसल भुगतान, 15-20 दिन इंतजार करना पड़ रहा

हरदा में समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर सोयाबीन बेचने वाले किसानों को 15 से 20 दिन बाद भी भुगतान नहीं मिला। जिससे किसान चिंतित हैं। भुगतान के लिए किसान बार-बार अपना खाता देखने के लिए बैंकों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। दरअसल जिले में समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदने के लिए 25 केंद्र बनाए हैं। जहां 10 से 15 नवंबर के बीच सोयाबीन की खरीदी शुरू हुई थी। केंद्रों पर सोयाबीन 4,892 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है। जबकि मंडी में सोयाबीन की बोली 4,300 रुपए प्रति क्विंटल लग रही है। 8 हजार से ज्यादा किसानों से सोयाबीन खरीदी गई जानकारी के अनुसार 25 केंद्रों पर 8633 किसानों से करीब 29 हजार क्विंटल सोयाबीन की खरीदी हुई। जिसकी कुल कीमत 142 करोड़ रुपए है। हालांकि, किसी भी किसान का समय पर भुगतान नहीं हुआ है। किसान केंद्रों पर सोयाबीन बेचकर पछता रहे हैं। किसानों का कहना है कि रबी फसलों सहित अन्य घरेलू कार्यों के लिए रुपयों की जरूरत है। ऐसे समय में सोयाबीन का भुगतान न होने से रबी फसलों में लागत नहीं लगा पा रहे हैं। किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मोहन विश्नोई ने कहा कि सोयाबीन बेचने के 20 दिन बाद भी किसानों का भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे लगभग सैकड़ों किसान है, जिनका भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने छिड़गांव के किसान हरिशंकर पंवार के बारे में बताया। हरिशंकर ने किरण बाई पति हरिशंकर के नाम से सोयाबीन बेची है, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। इस मामले में जब किसानों ने अधिकारी से बात की तो उन्होंने ईपीओ फेल होने की बीत बताई। डीपीओ जनरेट नहीं होने से दिक्कत आई जिला विपणन अधिकारी योगेश मालवीय ने बताया कि किसानों को 39 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। 65 करोड़ रुपए के डीपीओ सृजित किए गए हैं। तकनीकी दिक्कतों के कारण डीपीओ जनरेट नहीं हो सका। जैसे-जैसे डब्ल्यूएचआर बनाया जा रहा है, वैसे-वैसे किसानों को भुगतान किया जा रहा है।

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