छत्तीसगढ़ के रायपुर की साइबर रेंज पुलिस ने दिल्ली के दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने ठगी के पैसों को चीन और थाईलैंड भेजा है। पुलिस को इनके पास से 100 करोड़ से ज्यादा की इनवॉइस (रसीद) मिली है। रकम को आरोपियों ने डॉलर में कन्वर्ट किया था। इन ठगों ने रायपुर में एक सरकारी डॉक्टर से शेयर ट्रेडिंग के बहाने ठगी की थी। रेंज साइबर के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, आमानाका थाने में टाटीबंध निवासी रिटायर्ड सरकारी डॉक्टर प्रकाश गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि फरवरी 2024 से मई 2024 के बीच वॉट्सऐप पर अलग-अलग नाम से कॉल और मैसेज आए। जिसमें उन्हें एक वॉट्सऐप ग्रुप के माध्यम से जुड़कर शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए कहा गया। उन्हें कम समय में ज्यादा पैसे मिलने का लालच दिया गया। डॉक्टर से 11 लाख वसूल लिए डॉ प्रकाश ठगों के झांसे में आ गए। उसने एक IAC ऐप डाउनलोड कराया गया। फिर अपने बैंक से 3 अलग-अलग ट्रांजेक्शन में ठगों के बताए बैंक अकाउंट में पैसे भेज दिए। जो 1 लाख फिर 5-5 लाख कुल मिलाकर 11 लख रुपए जमा कर दिया। इसके बाद उन्हें कई और बैंक खाता दिए गए जिसमें पैसा जमा करने को कहा गया लेकिन ट्रांजेक्शन फेल हो गया। कुछ दिन बाद वह ऐप बंद हो गया। तब उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ। रेंज साइबर की टीम के पास पहुंचा मामला साइबर ठगी का केस रायपुर रेंज साइबर थाने पहुंचा। रेंज आईजी अमरेश मिश्रा ने इस मामले में जांच के निर्देश दिए। पुलिस ने जांच पड़ताल करते हुए रायपुर से दिल्ली के रहने वाले आरोपी पवन कुमार निवासी उत्तम नगर और गगन दीप निवासी विकासपुरी एक्सटेंशन को गिरफ्तार किया। ठगों ने जिस बैंक खातों में रकम वसूले थे और ठगी में जिस फोन नंबर का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने इसी पर निगरानी रखते हुए आरोपियों की लोकेशन ट्रेस कर ली। 100 करोड़ से ज्यादा चीन- थाईलैंड भेजने के सबूत पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से 100 करोड़ से ज्यादा की इनवॉइस जब्त की गई है। जिसमें भारतीय रुपए को डॉलर में बदलकर चीन और थाईलैंड भेजा गया है। इसके अलावा आरोपियों के बैंक खातों से करीब 175 रुपए करोड़ रुपए से अधिक के ट्रांजेक्शन की भी जानकारी मिली है। फिलहाल पुलिस ने इनके बैंक अकाउंट से 2 करोड़ से अधिक रुपए होल्ड करवाए है। अब समझिए… कैसे विदेश भेजे रुपए… आरोपी पवन और गगनदीप ने अपने आधार कार्ड में रायपुर का पता बदलवाए। फिर इसी एड्रेस के आधार पर दो फर्जी कंपनी फ्रिज टैक सोल और जीपी इंटरप्राइजेज बनाया। इस कंपनी के आधार पर इन्होंने अलग-अलग बैंकों में 30 प्लैटिनम अकाउंट खोलें। इन्हीं बैंक खातों से आरोपियों ने हांगकांग की 4 कंपनी हाइपरलिंक इन्फो सिस्टम हाइपरलिंक इंफोसिस्टम लिमिटेड, ब्लू ऑर्किड ग्लोबल, कंसाई इंटरनेशनल लिमिटेड, एम एस मॉर्निंग, थाईलैंड की 4 कंपनी NRI सिस्टम टेक्नो, परसौल प्रोसेस एंड टेक्नोलॉजी, ग्लोबल विजार्ड टेक्नोलॉजी, डाटा आर्ट टेक्नोलॉजी को US डॉलर भेजते थे। 10 राज्यों में आरोपियों के खिलाफ केस पुलिस को दोनों आरोपियों से 41 बैंक अकाउंट, डेबिट कार्ड, चेक बुक, कंप्यूटर, लैपटॉप, पेन ड्राइव, मोबाइल, डॉलर परचेस इनवॉइस, वन टाइम पासकोड डिवाइस, UPI स्कैनर अलग-अलग एड्रेस के आधार कार्ड जब्त हुए हैं। आरोपियों के खिलाफ देश के 10 से अधिक राज्यों में केस दर्ज हैं। जिसमें वेस्ट बंगाल, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में रिपोर्ट दर्ज है। पुलिस अब इनसे पूछताछ कर रही है। …………………………………. छत्तीसगढ़ की यह खबर भी पढ़िए… महादेव सट्टा ऐप…130 करोड़ रुपए फ्रीज:पश्चिम बंगाल में ED ने गोविंद केडिया के ठिकानों पर दी दबिश, अब तक 12 आरोपी जेल में बंद महादेव सट्टा ऐप केस में मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला केस में प्रवर्तन निदेशालय के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय (ईडी) की टीम ने गोविंद केडिया के प. बंगाल स्थित आधा दर्जन ठिकानों में छापेमारी की है। जांच के दौरान आरोपी के घर से दस्तावेज मिला है। आरोपी ने सट्टे का पैसा शेयर मार्केट में लगाया है। पढ़ें पूरी खबर…