B.ED डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों ने सरगुजा से निकाली अनुनय यात्रा:2855 सहायक शिक्षक कभी भी हो सकते हैं बर्खास्त, रायपुर पहुंच सीएम से मांगेंगे न्याय

वर्ष 2023 में प्रदेश में नियुक्त 2855 बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों पर हाईकोर्ट के आदेश पर कभी भी बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है। 15 माह से सेवा दे रहे बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों ने शनिवार को अंबिकापुर से अनुनय पदयात्रा की शुरूआत की। शिक्षक रायपुर तक पहुंचकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से न्याय की मांग करेंगे। बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षक हाईकोर्ट के आदेश के बाद उपयुक्त पदों पर समायोजन की मांग कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 2023 में सहायक शिक्षकों के 6500 पदों पर भर्ती की गई थी। भर्ती के दौरान बीएड एवं डीएलएड दोनों को योग्य माना गया था। हालांकि बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की भर्ती सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन निर्णय के अधीन की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सहायक शिक्षकों के पद के लिए डीएलएड को योग्यता माना और बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी। इस आदेश के बाद छत्तीसगढ़ में जारी हुए नियुक्ति आदेश में 2855 बीएड डिग्रीधारियों को नियुक्ति दी गई। लगातार प्रदर्शन के बाद अनुनय यात्रा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर 2024 को दिए गए आदेश में दो सप्ताह के अंदर डीएलएड डिग्रीधारियों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति का आदेश दिया है। इसके बाद बीएड डिग्रीधारी 2855 शिक्षकों की नियुक्ति कभी भी निरस्त की जा सकती है। अपनी नौकरी बचाने लगातार प्रदर्शन के बाद बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों ने शनिवार को सरगुजा से अनुनय यात्रा की शुरूआत की है। इसमें करीब 1200 सहायक शिक्षक शामिल हो रहे हैं। ये शिक्षक अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल मार्च करेंगे एवं मुख्यमंत्री से न्याय की मांग करेंगे। योग्यता अनुसार समायोजन की मांग
बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों ने कहा कि वे करीब 15 माह से सेवाएं दे रहे हैं। अपनी जमापूंजी लगाकर न्यायालय में केस भी लड़ रहे थे। कोर्ट के फ़ैसले के बाद राज्य के विधायकों तथा सांसदों के समक्ष भी गुहार लगाई। हम सभी अभ्यर्थी बी.एड., स्नातक/स्नाकोत्तर, टी.ई.टी. की योग्यता रखते हैं। राज्य में शिक्षा विभाग के हज़ारों पद रिक्त हैं, हम चयनितों को इनकी योग्यता के अनुसार विभाग में समायोजित किया जा सकता है। सहायक शिक्षकों ने कहा कि उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान जस्टिस नरेंद्र व्यास द्वारा भी सरकार को इनके समायोजन का सुझाव दिया गया था। अब अनुनय यात्रा के द्वारा ये युवा अम्बिकापुर से रायपुर तक का सफ़र तय कर साय सरकार से सेवा-सुरक्षा की अनुनय करने सड़क पर निकले हैं।

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