बंगलादेश में हिंदुओं और सिक्खों के साथ हो रहे उत्पीड़न, संतों पर अत्याचार और मंदिर तोड़ने से नाराज बठिंडा हिंदू-सिक्ख समाज के लोगों ने संतों की अगुवाई में विशाल रोष मार्च निकाला और बठिंडा के फायर ब्रिग्रेड चौक पर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश का झंडा और पुतला दहन किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कैलिफोर्निया से पहुंचे बाबा गुरप्रीत सिंह ने कहा कि बांग्लादेश की सरकार हिंदुओं के सब्र की परीक्षा न ले। अगर हिंदू और सिक्खों ने ठान ली तो हिंदुस्तान में रहने वाले बांग्लादेशियों का रहना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि देश में अनाधिकृत रुप से रहे बांग्लादेशियों को अमेरिका, कनाडा की तर्ज पर देश से बाहर किया जाए। बांग्लादेशी हिंदुओं को मिले अलग देश : उमेशानंद दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के स्वामी उमेशानंद ने कहा कि अगर बांग्लादेश में वहां की सरकार हिंदुओं की सुरक्षा नहीं कर सकती तो हिंदुओं को अलग देश दिया जाए। निहंग बाबा अनूप जी ने कहा कि हिंदू-सिक्खों के पुरातन इतिहास को भूलने की गलती बांग्लादेश को नहीं करनी चाहिए। भारत सनातन धर्म व सिक्खी योद्धाओं से भरा है। उन्होंने कहा कि हिंदू- सिक्ख एकता समय की मांग है। इस मौके पर बोलते हुए भाजपा नेता सुखपाल सिंह सरां ने कहा कि बांग्लादेश के राष्ट्रपति से नोबेल पुरस्कार वापस लेकर उसे अंतर्राष्ट्रीय अदालत में घसीटा जाए। हिंदुओं को इंसाफ मिलना चाहिए। कांग्रेस प्रधान राजन गर्ग ने कहा कि बांग्लादेश में जो भी हो रहा है वो असहनीय है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।