टीकमगढ़ में हरपुरा नहर फिर क्षतिग्रस्त:मोहनगढ़ तालाब तक नहीं पहुंच रहा पानी, बार-बार शिकायत के बाद भी नहीं कराई गई मरम्मत

टीकमगढ़ जिले के चंदेल और बुंदेल कालीन तालाबों को भरने के लिए बनाई गई हरपुरा नहर क्षतिग्रस्त हो गई है। बुधवार को मोहनगढ़ तहसील के शंकरगढ़ के पास ग्रामीणों ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि नहर फूट जाने से तालाब तक पानी नहीं पहुंच रहा है। जिससे किसानों को सिंचाई के लिए परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दरअसल, 2012 में जिले के 14 प्राचीन तालाबों को भरने के लिए टीकमगढ़ में प्रदेश की पहली नदी तालाब जोड़ो योजना शुरू की गई थी। परियोजना के तहत हरपुरा गांव के पास जामनी नदी से मोहनगढ़ तक नहर का निर्माण शुरू किया गया। प्रदेश के तत्कालीन वित्त मंत्री जयंत मलैया ने हरपुरा गांव के पास 41 करोड़ की लागत से नहर परियोजना का भूमि पूजन किया था। नहर के निर्माण में करीब 2 साल का समय लगा, लेकिन निर्माण एजेंसी सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने नहर की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते पिछले 12 सालों के दौरान कई बार नहर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। नहर निर्माण की गुणवत्ता पर उठ रहे सवालों के चलते 1 साल पहले नहर की रिपेयरिंग के लिए करीब 10 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया गया था। पिछले 1 साल से नहर की रिपेयरिंग का काम चल रहा है। इस दौरान एक बार फिर शंकरगढ़ गांव के पास नहर टूट गई और बड़ी मात्रा में पानी बहकर नाले में जा रहा है। नहर के निर्माण हुई गड़बड़ी शंकरगढ़ निवासी अभिषेक अवस्थी ने बताया कि हरपुरा नहर के निर्माण में तकनीकी खामियां हैं। जिससे बार-बार नहर क्षतिग्रस्त हो रही है। रिपेयरिंग के लिए ग्रामीण कई बार तहसीलदार और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंप चुके हैं। इसके बाद भी नहर की मरम्मत नहीं कराई जा रही है। नहर बार-बार क्षतिग्रस्त होने से किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है। हरपुर नहर परियोजना से जिले के 14 तालाबों को भरा जाना था। इनमें हनुमान सागर, जगत नगर गांव के दो, पूर्वी गोर गांव के दो, दरगाय कला, दरगाएं खुर्द, मोहनगढ़, कुम्हेडी, अर्चरा और वृषभानपुरा तालाब शामिल हैं।

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