दूसरों के सुख से दुखी होना ही ईर्ष्या है

भास्कर न्यूज | जालंधर गुलमोहर सिटी स्थित मां बगलामुखी धाम में शनिवार को शनिदेव महाराज का हवन करवाया गया। सर्व प्रथम ब्राह्मणों ने कृष्ण कुमार गुप्ता से सपरिवार पंचोपचार, षोडशोपचार और नवग्रह पूजन करवाने के बाद हवन में आहुतियां डलवाईं। धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज ने भक्तों को ज्ञान दिया कि कबीर दास जी कहते हैं- मायाधन और इंसान का मन कभी नहीं मरा। सिर्फ इंसान मरता है और शरीर बदलता है। लेकिन इंसान की इच्छा और ईर्ष्या कभी नहीं मरती। मनुष्य का मन बड़ा ही विचित्र होता है। दूसरों के सुख को देखकर दुखी होना ईर्ष्या कहते हैं। ईष्र्या एक अनावश्यक विकार है, जिसका त्याग किया जा सकता है। जब हम किसी विषय में अपनी स्थिति या अपने को उन्नत कर सकने में अयोग्य पाते हैं। तभी इस इच्छा का उदय होता है। ईष्र्या एक छिपी हुई वृत्ति है। इसे धारण करने वाले इंसान भी कभी स्वीकार नहीं कर पाता कि उसे किसी से ईष्र्या है। वह प्रत्यक्ष रूप से लोगों के सामने कभी नहीं दर्शाता है, न ही इसका कोई बाहरी लक्ष्ण दिखाई पड़ता है। इस मौके पर बलजिंदर सिंह, विवेक, मनमोहन, अमरिंदर कुमार शर्मा, रिंकू सैनी, चेतन अरोडा, अवतार सैनी, नरेश त्रेहन, रजेश महाजन, अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, अमन शर्मा, वरुण, विवेक शर्मा, नितिश और अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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