बाड़मेर के प्रतिबंधित इलाके में जमीन बिकवाने के खेल में दस्तावेजों में गलत तथ्य पेश किए गए। रामसर एसडीएम अनिल जैन के परिजनों ने पावर ऑफ अटॉर्नी और रजिस्ट्री करवाने के लिए कागजों में उम्र ही गलत दर्ज करवाई। हरसाणी उप पंजीयक कार्यालय से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार एसडीएम की मां अणसी की उम्र 39 वर्ष और पुत्र कपिलचंद की 31 वर्ष दर्ज है। यानी मां और बेटे की उम्र में सिर्फ 9 साल का ही अंतर है। जबकि निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध वोटर लिस्ट के अनुसार शिव विधानसभा क्षेत्र के बालेवा गांव की सरकारी स्कूल के बूथ पर मां की उम्र 70 और पुत्र की 31 साल दर्ज है। वहीं, कार्मिक विभाग के अनुसार एसडीएम अनिल जैन की उम्र 48 साल है, जबकि बालेवा की वोटर लिस्ट में उनकी उम्र 54 साल दर्ज है। दूसरी ओर, भास्कर में 14 दिसंबर के अंक में ‘एसडीएम ने परिवार के नाम से बॉर्डर के पास प्रतिबंधित क्षेत्र में बेच दी 2350 बीघा जमीन, हर रजिस्ट्री में गवाह भाई’ शीर्षक से मामले का खुलासा होने के बाद भी एसडीएम जैन के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। बाड़मेर यूआईटी सचिव श्रवणसिंह राजावत ने इसकी जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी है। स्टाम्प पेपर पर नोटरी की सिर्फ मोहर? किसानों से पावर ऑफ अटॉर्नी से जमीने ली गईं। सौ रु. की स्टाम्प पेपर पर खातेदार से पावर लिया और नोटरी की गई। प्रशासन की प्रारंभिक जांच में पता चला कि दस्तावेजों पर सिर्फ नोटरी सील लगी है, इसे अधिकारिक रजिस्टर में दर्ज ही नहीं किया गया है। जांच के लिए बाड़मेर और गडरा रोड पहुंची टीम ने हरसाणी से रजिस्ट्री का रिकॉर्ड एकत्रित किया है। इसी दौरान नोटरी फर्जी होने की शिकायत मिली। नोटरी भी एक ही नोटेरी पब्लिक से हुआ। अब इसका रिकॉर्ड भी जांचा जा रहा है। नियमानुसार नोटेरी करवाने के दौरान दोनों पक्षों को व्यक्तिगत रूप से नोटेरी पब्लिक के समक्ष उपस्थित होना जरूरी है। दोनों के हस्ताक्षर और नोटरी के कारण रजिस्टर में होने के बाद इसे सत्यापित किया जाता है। इस मामले में ज्यादा पावर ऑफ अटॉर्नी से जमीन की खरीद होने के कारण सिर्फ सील लगाने की संभावना है।