पूर्व मंत्री गुढ़ा सहित 12 के खिलाफ मामला दर्ज:जान से मारने की धमकी देने व तोड़फोड़ का आरोप, 6 दिसंबर को कानू पीर पहाड़ी में लीज में पहुंच कर किया था प्रदर्शन

पूर्व मंत्री और उदयपुरवाटी के पूर्व विधायक राजेन्द्र गुढ़ा सहित 12 लोगों के खिलाफ एक लीजधारक ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया है। इसमें गैर कानूनी तरीके से मजमा बना कर लीजधारक की खान व कार्यालय में जान से मारने की नीयत से घुसकर व तोड फोड कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। श्याम सिंह कटेवा ने रिपोर्ट में बताया कि 6 दिसबर को पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढा की अगुवाई में इब्राहिम, इम्तियाज़ तगाला, खादिम तगाला, असलम मिर्जा अकरम चेजारा, यूनुस मास्टर, डॉ. जावेद, आजम राठौड, आमीन मास्टर, सोनू बुहाना, इकबाल जाजोदिया व 500-1000 अन्य की भीड समस तालाब काना पहाड खनन क्षेत्र में आई। उक्त लोगों ने उसकी खान मेें घुस गए और उसे व उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी। इस दौरान गुढा ने भीड को उकसाया। भड़काउ भाषण दिया। लोगों ने मैन गेट को तोड़ दिया। दीवार व कांटेदार तारबन्दी को तोडकर कार्यालय में जबरदस्ती घुस गए और उसे बाहर निकलने को कहा। इस पर वह और उसका बेटा पीछे के रास्ते से भाग गए। पीछे से उक्त लोगों ने कैश बाक्स में से करीब 36000 रुपए लूट लिए। कर्मचारियों से मारपीट की। खनन क्षेत्र में रखे डीजल के ड्रम से डीजल फैला कर आग लगाने का प्रयास किया। मशीनों पर पत्थरबाजी कर नुकसान पहुंचाया। सुचना पर एसडीएम हवाई सिंह व पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर घटना की जानकारी ली। लीजधारक ने आरोप लगाया है कि उसके यहां काम करने वाले प्रताप सिंह, शीशराम, सुभाष, कौशल किशोर मेहरा, विजय सैनी, मुकेश सैनी, दीपक कुमार आदि के साथ मारपीट की गई। लीजधारक ने यह भी आरोप लगाया कि गुढा काफी समय से उसे व उसके परिवार जनों को धमकी दे रहे थे कि खान चलानी है तो महीना की बंधी देनी होगी। इस संबंध में पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का कहना है कि शहर के बीच में हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है।इससे लीज पास रहने वाले लोग बहुत परेशन है। हमने शांतिपूर्ण रूप से प्रदर्शन किया था। लोगों के पहुंचने से पहले पुलिस और प्रशासन मौजूद था। किसी ने कोई तोड़ फोड़ नहीं की। सब आरोप झूठे है। दबाव बनाने के लिए 10 दिन बाद मामला दर्ज करवाया गया। लीजधार लोगों को परेशान् रहा है। लोगों के रास्ते रोक देता है। खदानों में बच्चे डूब कर मर गए है। कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है। कोतवाली थानाधिकारी पवन चौबे का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले जांच सब इंस्पेक्टर सुरेश रोलन को दी गई है।

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