30 दिन में 3000 पदों के लिए नियुक्ति का विज्ञापन:सरकार के विभागों में 2,53,142 पद रिक्त, JSSC इसी महीने देगा एग्जामिनेशन कैलेंडर

झारखंड में जल्द ही बंपर नियुक्तियां निकलने वाली हैं। हेमंत सोरेन सरकार की प्राथमिकता सूची में नौकरी पहले नंबर पर है। सरकार ने इसका रोडमैप तैयार कर लिया है। एक माह में करीब 3000 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके लिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) विज्ञापन निकालने की तैयारी में है। इनमें से दारोगा व सार्जेंट के 400, इंटरमीडिएट स्तर के 500, टेक्निकल ग्रेजुएट के 400 और ग्रेजुएट स्तर के करीब 1000 पदों के लिए अगले महीने विज्ञापन निकलने की उम्मीद है। शिक्षक नियुक्ति के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार वहीं आचार्य और सहायक आचार्य के 26,001 पदों के लिए नियुक्ति परीक्षा हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके रिजल्ट पर रोक लगाई है। यह रोक हटने ही रिजल्ट जारी हो जाएगा। उधर, जेपीएससी व जेएसएससी में करीब 10 हजार पदों के लिए एक दर्जन परीक्षाएं लंबित हैं। इनमें पुलिस सिपाही के 4900 पदों पर नियुक्ति परीक्षा होने की उम्मीद है। इसके लिए करीब 16 लाख आवेदन आया है। वहीं उत्पाद सिपाही के 583 पदों के लिए भी फिर से बहाली शुरू होगी। जेपीएससी और जेएसएससी वर्ष 2025 में होने वाली परीक्षाओं का कैलेंडर भी इसी महीने जारी कर सकता है। वर्तमान में जेपीएससी और जेएसएससी से 39 हजार पदों के लिए परीक्षा और रिजल्ट का इंतजार है। सरकार के विभागों में 2,53,142 पद रिक्त राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कुल 5.25 लाख पद स्वीकृत है। इनमें से 2.50 लाख पद खाली हैं। गृह विभाग में सबसे ज्यादा पद खाली हैं तो शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर है। उधर, बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बन गई है। इसका सीधा असर सरकारी कामकाज पर पड़ रहा है। न तो ठीक ढंग से राजस्व वसूली हो रही है और न ही विकास कार्य हो रहे हैं। नियुक्ति न होने से तैयार हो रही बेरोजगारों की फौज ऐसे हालात क्यों…पद सृजित तो हुआ, पर नियुक्ति नहीं बिहार, बंगाल व कर्नाटक समेत कई राज्यों में एक करोड़ आबादी पर एक लाख पद सृजन का प्रावधान है। अविभाजित बिहार में भी ऐसा ही था। पर झारखंड गठन के बाद यहां कामकाज बढ़ा तो बड़े पैमाने पर पद सृजित किया गया, लेकिन उस अनुपात में नियुक्ति नहीं हुई। अगर दूसरे राज्यों के फॉर्मूले को आधार बनाएं तो भी कम से कम 1.50 लाख नियुक्तियां करनी ही होंगी। क्योंकि झारखंड की आबादी करीब चार करोड़ पर पहुंच गई है।

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