झारखंड में लोग आपात स्थिति में तत्काल पुलिस की सहायता ले सके, इसके लिए हेल्प लाइन व इमरजेंसी हेल्प लाइन नंबर डायल 112 काम कर रहा है। पर, इसका रिस्पॉन्स टाइम औसतन 39.36 मिनट है। यानी सूचना मिलने के 39.36 मिनट में पुलिस मौके पर पहुंचती है। जबकि बिहार में रिस्पॉन्स टाइम 20, बंगाल में 13 तो यूपी में 18 मिनट है। झारखंड के जिलों की बात करें तो यहां डायल 112 पर फोन करने पर सबसे कम समय 18.27 मिनट में कोडरमा में पुलिस मौके पर पहुंचती है। रांची की स्थिति निराशाजनक है। रिस्पॉन्स टाइम में यह राज्य के 24 जिलों में से 16वें नंबर पर है। यहां आपको सूचना देने के औसतन 40.10 मिनट में पुलिस सहायता मिलती है। 1,086 केस के आधार पर निकाला गया रिस्पॉन्स टाइम: झारखंड में 11,086 केसों के आधार पर औसत रिस्पॉन्स टाइम 39.36 मिनट निकाला गया है। इसमें रामगढ़, गोड्डा, पाकुड़, गिरिडीह और दुमका की स्थिति सबसे खराब है। डीजीपी ने खुद इसका अध्ययन किया तो पाया कि इन केसों में से 6219 केस में एमडीटी टैब (ऑनलाइन सूचना जारी करना) से कार्रवाई की गई। वहीं 4867 केस में मैनुअली कार्रवाई हुई। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने पुलिस अफसरों के साथ बैठक कर इसकी समीक्षा की थी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया था कि डायल 112 के जरिए मदद मांगने वालों को तुरंद मदद मिलनी चाहिए। ऐसे हालात क्यों… पुलिस कर्मचारियों और संसाधन की कमी इसकी सबसे बड़ी वजह: झारखंड में डायल 112 का रिस्पॉन्स टाइम ठीक न होने का सबसे बड़ा कारण थाने में सीमित संसाधन और पुलिसकर्मियों की कमी है। कई थाने में तो गश्ती के लिए महज एक-दो गाड़ियां ही हैं। इस वजह से घटना की जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुंचने में पुलिस को काफी समय लग जाता है। कई थाने में पुलिसकर्मियों की कमी की वजह से भी लोगों को तत्काल सहायता नहीं मिल पाती है। कई इलाके ऐसे हैं, जहां गश्ती गाड़ियां तो घूमती हैं, लेकिन उनमें ड्राइवर के अलावा एक-दो कर्मी ही रहते हैं। स्थिति सुधरेगी, लगातार कर रहे मॉनिटरिंग: डायल 112 के रिस्पॉन्स टाइम की समीक्षा हुई है। इसमें सुधार के लिए पुलिस अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि डायल 112 से मिलने वाली शिकायतों का निष्पादन कम से कम समय में करें। इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है। जल्दी ही स्थिति में सुधार होगा। -अनुराग गुप्ता, डीजीपी झारखंड