रांची में इस साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव की वजह से आम जनता से जुड़े कार्यों की रफ्तार काफी धीमी हो गई। जिले में करीब तीन दर्जन ऐसी कमेटियां बनी हैं, जिनकी मासिक व तिमाही बैठक होती है। इसमें पूर्व में लिए निर्णयों की समीक्षा होती है और नए एजेंडों पर काम शुरू होता है। इस साल चुनाव की वजह से समितियों की बैठक भी नियमित रूप से नहीं हो पाई। दैनिक भास्कर ने ऐसी ही 10 कमेटियों की बैठक में लिए निर्णयों की पड़ताल की। पता चला कि जो निर्णय लिए गए, उसमें से अधिकतर पर काम नहीं हुआ। जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा), सड़क सुरक्षा समिति, जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी), जिला स्तरीय स्टीयरिंग सह मॉनिटरिंग कमेटी, फैमिली प्लानिंग डिस्ट्रिक सब कमेटी (डीआइएससी) सहित अन्य कमेटियों की बैठक लंबे समय से नहीं हुई है। तीन-चार साल पहले लिए निर्णयों पर भी कार्रवाई नहीं हुई। 19 अगस्त 2021 को एटीआई परिसर में हुई दिशा की बैठक में कांके के तत्कालीन विधायक समरी लाल ने चिरौंदी स्थित बांबे आवास का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि 400 परिवार जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं। उसे सुदृढ़ करें या भवन को तोड़कर नया आवास बनाएं। तीन साल बाद भी इस दिशा में कार्रवाई नहीं हुई। इधर, सड़क दुर्घटनाएं भी कम नहीं हुईं। बालू उपलब्ध कराने, ब्लैक स्पॉट चिह्नित करने सहित कई निर्णय धरातल पर नहीं उतर सके ड्रॉप आउट बच्चों को दाेबारा स्कूलों से जोड़ने के प्रयास नाकाम रहे निर्णय : 29 जून को जिला स्तरीय स्टीयरिंग सह मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में मध्याह्न भोजन अंतर्गत स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने, स्कूल में ही चावल की आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया। स्कूल भवनों की मरम्मत कराने का निर्णय हुआ। स्थिति : आज भी स्कूलों में 66% से अधिक उपस्थिति नहीं हो रही। ड्रॉप आउट बच्चों को दाेबारा स्कूलों से जोड़ने के प्रयास नाकाम रहे। स्कूलों में शौचालय बन गए, पर सफाई की व्यवस्था नहीं है। चिह्नित ब्लैक स्पॉट पर आज भी दुर्घटनाएं हो रहीं निर्णय : 8 जुलाई को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए स्टडी करने का निर्णय हुआ था। पथ निर्माण, नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस व अन्य विभाग के अफसरों के स्थल निरीक्षण करके दुर्घटना रोकने का प्लान बनना था। स्थिति : चिह्नित ब्लैक स्पॉट पर आज भी दुर्घटनाएं हो रही हैं। रांची में हर माह औसतन 35 सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। इनमें औसतन 16 लोगों की जान जा रही है। सड़क के गड्ढे भी खतरनाक हो गए हैं। दर्जनों खदान बिना लाइसेंस के चल रहे हैं निर्णय : 16 जुलाई को डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट पर बैठक में पत्थर लघु खनिज के ड्रॉफ्ट डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट को स्वीकृति दी गई। जिले में पत्थर के उत्खनन में सुविधा होती। स्थिति : अब भी पत्थर उत्खनन में समस्या आ रही है। दर्जनों खदान बिना लाइसेंस के चल रहे हैं। गिट्टी की कीमत बढ़ गई है। प्रत्येक ट्रक पर 1000 से 1500 रुपए की बढ़ोतरी हो गई है। सड़क, नाली और पेयजल के लिए टेंडर नहीं निर्णय : 17 अगस्त को डीएमएफटी की बैठक में खनन प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल, पेयजल योजना को मंजूरी दी गई। स्थिति : अभी तक खनन प्रभावित क्षेत्रों में स्थित स्कूल, सड़क, नाली व पेयजल के लिए टेंडर नहीं हुआ है। अंचलों में काम प्रभावित हो रहे हैं। घाटों से अब भी नहीं हाे रहा है बालू उठाव निर्णय : 31 अगस्त को दिशा की बैठक में सीपी सिंह ने बालू उपलब्ध नहीं होने का मामला उठाया था। सांसद आदित्य साहू ने जल जीवन मिशन के अधूरे कार्य का मुद्दा उठाया। स्थिति : जल जीवन मिशन योजना के तहत अब भी सभी घरों को पानी नहीं मिल रहा है। रांची जिले में मात्र एक बालू घाट को पर्यावरण स्वीकृति मिली है। घाटों से बालू का उठाव नहीं हो रहा है। सदर के पैथोलॉजी को प्रखंडों से नहीं जोड़ा गया निर्णय : 27 सितंबर को हुई बैठक में सदर अस्पताल के पैथोलॉजी से सभी प्रखंडों काे जाेड़ने की मंजूरी दी गई। स्थिति : सदर अस्पताल के पैथोलॉजी को अब तक सभी प्रखंडों काे जोड़ा नहीं जा सका। इस कारण गांवों के मरीजों को लाभ नहीं मिल रहा है। रिनपास में नहीं लगा प्यूरीफायर, टॉयलेट की स्थिति भी खराब निर्णय : 7 अक्टूबर को रांची मनाेचिकित्सा संस्थान कार्य उपसमिति की बैठक में रिनपास में प्यूरीफायर लगाने और व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्णय हुआ। स्थिति : रिनपास के महिला ओटी सेक्शन में अब भी टॉयलेट की स्थिति खराब है। प्यूरीफायर नहीं लगा है। सभी थाना में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया, लेकिन बंद हैं निर्णय : 19 अगस्त 2021 को दिशा की बैठक सीपी सिंह ने पुलिस सहायता केंद्रों पर सीसीटीवी लगाने, सुनसान रास्ते पर वाहन चेकिंग करने का निर्देश दिया था। स्थिति : सभी थाना में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया, पर बंद हैं। सुनसान रास्तों पर नियमित गश्ती नहीं होती। समितियों की जल्द होगी बैठक जिले में जितनी भी कमेटी बनी है, उसकी नियमित बैठक होती है। पूर्व की बैठक में लिए निर्णयों पर काम हुआ या नहीं, इसकी समीक्षा होती है। इस बार चुनाव की वजह से कार्य प्रभावित हुआ। जल्द एक-एक कर सभी कमेटियों की बैठक होगी। जो काम शुरू नहीं हुआ है, उसे कराया जाएगा। विकास योजनाओं पर तेजी से काम होगा।
– मंजूनाथ भजंत्री, उपायुक्त, रांची