डीपीएस रांची के केमेस्ट्री विषय के शिक्षक डॉ. अमरदीप सिन्हा और उनकी टीम ने पोर्टेबल ट्रैफिक लाइट तैयार किया है। जिसे आसानी से एक जगह से दूसरे जगह शिफ्ट किया जा सकता है। इसके साथ ही ऑटोमेटिक होगा, इसके संचालन में भी आसानी होगी। इसके डिजाइन को पेटेंट भी मिल गया है। इस पोर्टेबल ट्रैफिक लाइट के डिजाइन और अनुप्रयोग को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा पंजीकृत कर लिया गया है। इसे तैयार करने में वालों में डॉ. अमरदीप सिन्हा के साथ उनकी टीम में केरलि स्कूल के मैथ्स शिक्षक डॉ. जयश्री सिन्हा, डीपीएस के फिजिक्स शिक्षक डॉ. नारायण कुमार, सहायक प्रो. डॉ. राहुल एवं डॉ. नितिन शामिल रहे। डॉ. अमरदीप सिन्हा ने बताया कि इस डिजाइन के पेटेंट के लिए अक्टूबर माह में आवेदन किया गया था। इसे पेटेंट के लिए स्वीकृत कर लिया गया है। यह डिजाइन ट्रैफिक प्रबंधन में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखता है, क्योंकि यह एक कॉम्पैक्ट, कुशल और बहुउद्देश्यीय समाधान प्रदान करता है। 6 माह में तैयार किया डिजाइन : इस डिजाइन को तैयार करने में पूरी टीम को 6 माह का समय लगा। अब इसके प्रोटोटाइप पर काम करेंगे। डॉ. अमरदीप ने बताया कि वैसे शहरों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जहां पर कंस्ट्रक्शन का काम चलता रहता है। ऐसे में ट्रैफिक लाइट को एक जगह से दूसरे जगह पर सुविधानुसार शिफ्ट कर सकेंगे। इसमें सोलर पैनल के साथ बैटरी लगा होगा। इसे तैयार करने में 6 से 7 हजार रुपए में लागत आएगी।


