मौनी अमावस्या के दिन शाही स्नान के लिए महाकुम्भ जानेवालों का मंगलवार को रेलवे स्टेशन पर रेला दिखा। सीट से दोगुने लोग ट्रेन में सवार हुए। ऐसा ही दृश्य प्रतिदिन देखा जा रहा है। रेलवे ने स्पेशल ट्रेन के नाम पर रांची से सिर्फ एक दिन के लिए ही स्पेशल ट्रेन चलाई है। रांची होकर जाने वाली 3 स्पेशल ट्रेनें और चलाई जा रही हैं। जबकि, यहां से प्रयागराज जाने वालों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है। इतना ही नहीं रांची होकर प्रयागराज या वाराणसी जाने वाली करीब 35 ट्रेनों में ज्यादातर ट्रेनों में 26 फरवरी तक सीट नहीं है। यही हाल मंगलवार को बिरसा बस स्टैंड में दिखा। लोग ज्यादा पैसे देकर भी प्रयागराज जाने को तैयार थे। झारखंड बस चालक संघ के अध्यक्ष राणा बजरंगी सिंह ने बताया कि खादगढ़ा से सोमवार को प्रयागराज गईं बसें शेरघाटी में लगे जाम में घंटों फंसी रहीं। खादगढ़ा से प्रयागराज व वाराणसी जाने वाली 13 बसें हैं। इनका किराया भी बढ़ा हुआ है। जाम लगे रहने के कारण समय भी दोगुना लग रहा है। वर्तमान में 2000 से 3000 तक किराया यात्रियों से लिया जा रहा है। इधर हवाई टिकटों के लिए भी ट्रैवल्स में लोग दिनभर इन्क्वायरी करते रहे। लेकिन विमानों में सीट नहीं थी। कई स्पेशल ट्रेनों की जरूरत : अरुण जोशी दक्षिण पूर्व रेलवे के पूर्व जोनल सदस्य अरुण जोशी ने कहा कि रांची से प्रयागराज जाने वालों की संख्या लाखों में हैं और इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए दक्षिण पूर्व रेलवे को स्पेशल ट्रेनों को रांची और टाटा नगर से चलानी चाहिए। अभी तक रांची और टाटा नगर से केवल एक दिन के लिए से सिर्फ एक स्पेशल ट्रेन चली है, जो पर्याप्त नहीं है।