अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को एक विस्फोट में तालिबान के शरणार्थी मंत्री खलील रहमान हक्कानी की मौत हो गई। शरणार्थी मंत्रालय के अंदर फिदायीन हमले में खलील हक्कानी समेत उनके 4 बॉडीगार्ड्स की मौत हो गई। रॉयटर्स के मुताबिक, खलील हक्कानी के भतीजे अनस हक्कानी ने अपने चाचा की मौत की पुष्टी की है। अभी तक किसी भी ग्रुप ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली। खलील हक्कानी को अफगानिस्तान में हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख लीडर में से एक माना जाता था। वो तालिबान के इन्टर्नल मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा हैं। अमेरिका ने खलील पर 50 लाख डॉलर (42 करोड़ रुपए) का इनाम रखा हुआ था। तालिबान सरकार का हिस्सा है हक्कानी नेटवर्क हक्कानी नेटवर्क और अफगान तालिबान के बीच काफी अच्छे रिश्ते हैं। 2021 में अफगानिस्तान में तख्तापलट के बाद से अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क मिलकर सरकार चला रहे हैं। तालिबान सरकार के कई अहम मंत्रालय पर हक्कानी नेटवर्क के लोग काबिज हैं। हक्कानी ग्रुप को ग्रुप को जानिए? हक्कानी नेटवर्क तालिबान का एक आतंकवादी गुट है, जिसका नेटवर्क अफगानिस्तान और पाकिस्तान में फैला हुआ है। पिछले दो दशक में हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में कई हमले किए। 2012 में अमेरिका ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस संगठन पर प्रतिबंध लगा रखा है। हक्कानी नेटवर्क आतंकी हमलों में सुसाइड बॉम्बर का इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है। ——————————————————– यह खबर भी पढ़ें… तालिबान ने महिलाओं की नर्सिंग की पढ़ाई पर लगाई पाबंदी:शिक्षा का आखिरी रास्ता भी बंद; क्रिकेटर राशिद खान बोले- इस्लाम में महिलाओं की तालीम जरूरी तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं की नर्सिंग की ट्रेनिंग पर बैन लगा दिया है। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक काबुल में स्वास्थ्य अधिकारियों की हाल ही में बैठक हुई थी जिसमें तालिबान सरकार का फैसला सुनाया गया। यहां पढ़ें पूरी खबर…