यूपी में पहाड़ों पर बर्फबारी का असर दिख रहा है। 8 शहरों में कोल्ड वेव यानी शीतलहर चल रही है। 10 शहरों में घना कोहरा छाया हुआ है। विजिबिलिटी 80 मीटर रह गई है। हेडलाइट जलाकर गाड़ियां चल रही हैं। ठंड इतनी है कि लखनऊ के चिड़ियाघर में जानवरों के लिए हीटर लगाए गए हैं। मंगलवार की बात करें तो प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान 10°C पहुंच गया। अधिकतम तापमान 24°C रिकॉर्ड किया गया। बुलंदशहर सबसे ठंडा शहर रहा। यहां का न्यूनतम तापमान 6°C तक पहुंच गया। मौसम विभाग ने बताया- आने वाले 3 दिन तक कोल्ड वेव चलेगी। इससे गलन और बढ़ेगी। 3 तस्वीरें देखिए… अब शहरों का हाल जानिए- लखनऊ में कोल्ड वेव, गलन बढ़ी लखनऊ में कोल्ड वेव चल रही है। इससे गलन बढ़ गई है। सुबह से हल्की धुंध के साथ में धूप निकली है। मौसम विभाग का अनुमान है कि शहर का अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के आसपास रहेगा। कानपुर देहात में कोहरा छाया, पारा 8 डिग्री कानपुर देहात में सुबह से घना कोहरा छाया हुआ है। तेज हवाएं चल रही हैं। इससे तापमान में गिरावट आई है। यहां का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री और अधिकतम तापमान 22 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। हल्के बादलों से रात का पारा बढ़ा
मौसम वैज्ञानिक SN सुनील पांडेय ने बताया- कोल्ड वेव का असर पूरे प्रदेश तक पहुंच गया है। हल्के बादलों से रात का पारा बढ़ गया है। दिन का कम हो गया है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान का अंतर घटने से सर्दी का एहसास बढ़ रहा है। दिसंबर के आखिरी हफ्ते होंगे कोल्ड डे
मौसम विज्ञानी डॉ. SN सुनील पांडेय ने बताया- चक्रवाती तूफानों के कारण यूपी का मौसम मई से असंतुलित चल रहा है। बारिश भी कम हुई है। सर्दी के स्थान पर गर्मी जैसा एहसास हो रहा है। 12 दिसंबर से कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। दिसंबर के आखिरी हफ्ते में 3 दिन इस बार कोल्ड-डे रहने के आसार हैं। क्या होती है कोल्ड वेव
SN सुनील पांडेय ने बताया- सामान्य से अधिक ठंड की स्थिति में कोल्ड वेव की स्थिति बनती है। मैदानी इलाकों में कोल्ड वेव यानी शीतलहर तब मानी जाती है, जब जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से 4-5 डिग्री नीचे चला जाता है। कोल्ड वेव हेल्थ के लिए ये बहुत खतरा मानी जाती है। ———————————— मौसम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- सर्दियों के सुपरफूड- ठंड में आंवला खाने के 12 कारण:आयुर्वेद में माना जाता है अमृत, विटामिन्स का खजाना, किसे नहीं खाना चाहिए? आंवले के पेड़ का इतिहास भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं से भी जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि एक बार जब ब्रह्मा जी विष्णु भगवान के ध्यान में लीन थे, तभी उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। जब ये आंसू जमीन पर गिरे तो उससे आंवले का पेड़ उग आया। आंवला यहीं से धरती पर अस्तित्व में आया। पढ़ें पूरी खबर…