भोपाल नगर निगम में केवल 130 पालतू कुत्तों का ही रजिस्ट्रेशन है, जबकि वास्तविक संख्या करीब 20 हजार है। नगरीय प्रशासन विभाग ने दो साल पहले एक नीति बनाई थी, जिसके तहत बिना रजिस्ट्रेशन के कुत्ता रखने पर 1500 रुपए की पेनल्टी लगाने की योजना थी। इसके अलावा कुत्तों को माइक्रो चिप या जियो टैग से कोड किया जाना था। हालांकि, यह नीति अभी तक लागू नहीं हुई है।
इस मुद्दे पर 13 दिसंबर को हुई परिषद की बैठक में चर्चा हुई। पार्षदों ने रजिस्ट्रेशन न कराने वाले लोगों के खिलाफ अभियान चलाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने रजिस्ट्रेशन शुल्क 150 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए करने की मांग की। उनका तर्क है कि लोग कुत्तों की जिम्मेदारी नहीं उठाते और इन्हें सार्वजनिक स्थानों पर शौच कराते हैं। कार्रवाई इसलिए नहीं… पालतू कुत्तों के मामले में जब भी कार्रवाई की बारी आती है नगर निगम का अमला पीछे हट जाता है। इसकी प्रमुख वजह पालतू कुत्ते सर्वाधिक 4 इमली और 74 बंगलों में रहने वाले वरिष्ठ अधिकारी और राजनेताओं के घर हैं। रोज सुबह इनके कुत्ते जहां-तहां गंदगी करते नजर आते हैं। ^जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद सख्ती से नियमों का पालन कराया जाएगा। सफाई के लिए यह जरूरी है। -रणवीर सिंह, अपर आयुक्त