भोपाल से 25 किमी दूर स्थित डॉ. विष्णु वाकणकर टाइगर रिजर्व (रातापानी) में इन दिनों एक बाघ चर्चा का विषय बना हुआ है। यह आरटी-19 है। 6 साल का नर बाघ है और इसका दबदबा अपने जन्म स्थान के अलावा कोर एरिया में भी है। टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने आरटी-19 को उसके स्वभाव, चाल और रौब को देखते हुए टाइगर रिजर्व का हीरो चुना है। इसकी फोटो अब टाइगर रिजर्व के हर गेट पर और डॉक्यूमेंट में मोनो के तौर पर लगाई जाएगी। मैदानी अमले का कहना है कि इस बाघ का अपना अंदाज है। यह अपनी टेरेटरी में किसी को नहीं फटकने देता है। कोर एरिया में इसका दबदबा है। यह बाघ आरटी-3 की संतान है। इसका जन्म देलाबाड़ी रेंज में हुआ था। अपने इलाके से खदेड़ दिया भाई को: टाइगर रिजर्व के रेंज अधिकारियों का कहना है कि इस बाघ का अपना दबदबा है। इसने अपनी मां के इलाके से हट कर अपनी टेरिटरी बनाई है। इसने अपने भाई को भी इलाके से खदेड़ दिया है। यह अपना इलाका लगातार बढ़ाता जा रहा है। फिलहाल कोर क्षेत्र में यह किसी को नहीं आने दे रहा है। यह आने वाले समय में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय भी होगा। इसके इलाके में पांच बाघिनें:
इस बाघ की टेरेटरी में 5 बाघिनें हैं। जिसमें दो बाघिनों ने शावकों को जन्म दिया है। बाकी 3 बाघिनें आने वाले साल में बाघों का कुनबा बढ़ाएंगी। टाइगर रिजर्व में आरटी-19 बाघ का चयन हीरो के रूप में किया है। इसकी चाल, रौब और कोर एरिया में दबदबे की वजह ये इसका चयन किया गया है। इस बाघ की फोटो के साथ प्रदेश की मुख्यमंत्री ने भी गेट पर लगी फोटो के साथ तस्वीर खिंचाई है। अब इस बाघ की फोटो टाइगर रिजर्व की पहचान बनेगी। – हेमंत रैकवार, डीएफओ औबेदुल्लागंज