राजगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव आयोजित:धर्म, नीति के महत्व पर संतों ने दिया संदेश, गीता के उपदेशों को आत्मसात करने की अपील

राजगढ़ के पारायण चौक पर बुधवार को अंतर्राष्‍ट्रीय गीता महोत्‍सव का आयोजन किया गया, जिसमें नीलगिरी आश्रम के संत पंडित सुदर्शन शर्मा ने श्रीमद् भागवत गीता के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गीता धर्म के पालन और नीति के मार्गदर्शन का संदेश देती है। श्रीमद् भागवत गीता का पहला श्लोक धर्म से आरंभ होता है और अंतिम श्लोक नीति का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने सभी को गीता के उपदेशों को जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि विधायक खिलचीपुर हजारीलाल दांगी ने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म की रक्षा का उपदेश दिया। उन्होंने जोर दिया कि कलियुग में सनातन धर्म की रक्षा के लिए गीता का अध्ययन आवश्यक है और इसके उपदेशों का प्रचार-प्रसार हर स्तर पर होना चाहिए। कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय गीता महोत्‍सव का उद्देश्य गीता के दर्शन और उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा, “गीता का अध्ययन हर बार हमें नया दृष्टिकोण देता है, और इसे जीवन में उतारने की आवश्यकता है।” इस अवसर पर पूर्व विधायक हरिचरण तिवारी, रघुनंदन शर्मा, और पंडित जगदीश शास्त्री ने भी गीता के महत्व पर विचार प्रस्तुत किए। नरसिंहगढ़ संस्कृत विद्यालय के छात्रों ने गीता के 11वें, 12वें और 15वें अध्याय का सस्वर पाठ किया। भोपाल में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि रहे, जिसका लाइव प्रसारण राजगढ़ में उपस्थित धर्मप्रेमी नागरिकों ने देखा।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *