कॉल ड्रॉप मामलों में गिरावट, उपभोक्ता जागरूकता पर जोर

भास्कर न्यूज | लुधियाना लुधियाना से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने हाल ही में राज्यसभा के बजट सत्र के दौरान कॉल ड्रॉप पेनल्टी से संबंधित एक सवाल पूछा था। इस सवाल का जवाब केंद्रीय संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने दिया, जिसमें उन्होंने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) द्वारा कॉल ड्रॉप से संबंधित बेंचमार्क का पालन न करने के कारण सर्विस प्रोवाइडर्स पर लगाए गए फाइनेंशियल डिसइंसेंटिव्स का ब्योरा प्रस्तुत किया। मंत्री के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान एयरटेल, बीएसएनएल, एमटीएनएल, आरजेआईएल और वीआईएल जैसे प्रमुख सर्विस प्रोवाइडर्स पर कोई फाइनेंशियल डिसइंसेंटिव्स नहीं लगाए गए थे। हालांकि, 2023-24 के दौरान एमटीएनएल पर 1 लाख रुपये का डिसइंसेंटिव लगाया गया। सांसद अरोड़ा ने मंत्री के उत्तर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कॉल ड्रॉप के मामले में सर्विस प्रोवाइडर्स की नॉन-कंप्लायंस के मामले काफी कम हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में 8, 2022-23 में 0, 2023-24 में 1, और 2024-25 में भी 1 ही नॉन-कंप्लायंस का मामला दर्ज किया गया। इसके अतिरिक्त, मंत्री ने यह भी बताया कि ट्राई अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण नेटवर्क सेवाओं के अधिकार के बारे में जागरूक करने के लिए कंस्यूमर आउटरीच प्रोग्राम चलाता है। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण करने के लिए सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध है। यह कदम उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और दूरसंचार सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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