छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पोटाकेबिन में पढ़ने वाली दूसरी क्लास की छात्रा की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि छात्रा की अचानक तबियत बिगड़ी थी, उसे अस्पताल लेजाया जा रहा था, इसी दौरान उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। बीमारी की वजह से पिछले 10 दिनों में यह तीसरी छात्रा की मौत है। जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला जिले के बालाटिकरा पोटाकेबिन का है। यहां तोंगपाल इलाके की रहने वाली रोशनी नाग (08) दूसरी क्लास में पढ़ाई कर रही थी। एक दिन पहले प्रेयर के समय छात्रा की अचानक तबियत बिगड़ गई थी। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जिसके बाद पोटाकेबिन के स्टाफ आनन-फानन में उसे छिंदगढ़ के अस्पताल लेजाने के लिए निकले। लेकिन छात्रा ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। वहीं इस मामले की जानकारी विभाग के अफसरों को दी गई। अफसर मौके पर पहुंचे। BMO उमाशंकर तिवारी की मानें तो छात्रा को अस्पताल में भर्ती करने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी। परिजनों ने प्रबंधन पर उठाए सवाल
रोशनी नाग की मां रामबती नाग ने कहा कि, उनके 4 बच्चे हैं। रोशनी तीसरे नंबर की थी। उन्होंने कहा कि, प्रबंधन ने मौत की जानकारी दी। अब मां ने प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी स्वस्थ्य थी, फिर अचानक उसकी मौत कैसे हो गई? मां का कहना है कि दो दिन पहले ही उसे आधार कार्ड भिजवाया था। यदि बीमारी की हालत में मौत होती तो समझ आता। लेकिन स्वस्थ्य बच्ची की मौत कैसे हो गई? 10वीं की छात्रा की भी हुई मौत छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 10वीं की छात्रा की भी किसी बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। छात्रा नैमेड गांव के पोटाकेबिन में रहकर पढ़ाई कर रही थी। तबियत बिगड़ी तो अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। डिस्चार्ज हुई तो परिजन घर लेकर गए। दोबारा तबियत बिगड़ी और मौत हो गई। पनीर और पूड़ी खाने से बच्ची की मौत, 35 बीमार कुछ दिन पहले बीजापुर जिले में पनीर की सब्जी और पूड़ी खाने से तीसरी कक्षा की एक छात्रा शालिनी तेलम की मौत हो गई थी, जबकि 35 बच्चे बीमार हुए थे। सभी बच्चों को इलाज के लिए बीजापुर के मातृ एवं शिशु अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इनमें 12 की हालत गंभीर थी, जिन्हें ICU में रखा गया था।