जेजेएम घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार संजय बड़ाया को आज सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की खंडपीठ ने संजय बडाया की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर यह आदेश दिया। संजय बड़ाया पूर्व मंत्री महेश जोशी का करीबी माना जाता है। उसे ईडी ने 16 जुलाई को गिरफ्तार किया था। हाई कोर्ट से 11 नवम्बर को जमानत याचिका खारिज होने के बाद बड़ाया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। पूर्व मंत्री को आरोपी नहीं बनाया गया
सुप्रीम कोर्ट ने संजय बड़ाया को जमानत देते हुए कहा कि ईडी ने तत्कालीन मंत्री महेश जोशी को आरोपी नही बनाया हैं। जबकि याचिकाकर्ता पर मंत्री के नाम से ही करोड़ो रुपए लेने का आरोप हैं। वहीं ट्रायल में अभी लंबा समय लगेगा। अदालत ने कहा कि इस मामले के एक अन्य आरोपी पीयूष पर भी जेजेएम से 8.87 करोड़ रुपए का लाभ लेने का आरोप है। जिसे पहले ही जमानत मिल चुकी है। संजय बड़ाया पर भी 3.30 करोड़ रुपए प्राप्त करने और उसके पिता के खाते में 1.05 करोड़ रुपए पहुंचने का आरोप है। सबूतो से छेड़छाड़ की संभावना नहीं
बडाया की ओर से कहा गया कि याचिका दायर होने के समय तक वह 140 दिन जेल में बिता चुका हैं, वहीं अभी ट्रायल में अधिक समय लगेगा। ईडी की ओर से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता ने आरोपी फर्मों से रिश्वत की राशि प्राप्त की और वह राजस्थान के पीएचईडी के अधिकारियों को प्रभावित कर रहा था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मामले में पर्याप्त सबूत जब्त हो चुके हैं और उनसे छेड़छाड़ की संभावना नहीं है। अभी आरोप तय होने हैं और 50 गवाहों का परीक्षण हो चुका है। प्रमाण के रुप में करीब 8000 दस्तावेज हैं। इस मामले में पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मामला दर्ज किया था। जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।