सुप्रीम कोर्ट ने सरिस्का और पांडुपोल हनुमान मंदिर से जुड़ी सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी (CEC) की सभी 25 सिफारिशों को लागू करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर निगरानी के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाने के आदेश दिए हैं। यह कमेटी सीईसी की सिफारिशों को लागू करने पर निगरानी रखेगी। समय-समय पर प्रगति की समीक्षा कर कोर्ट को रिपोर्ट देगी। सुप्रीम कोर्ट ने सीईसी की रिपोर्ट को मंजूर करते हुए राजस्थान सरकार को सरिस्का टाइगर रिजर्व की सीमाओं को बाघों के हिसाब से नए सिरे से तय करने के आदेश दिए हैं। पांडुपोल हनुमान मंदिर में प्राइवेट वाहन बंद करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस बी.आर. गवई और के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने राजस्थान सरकार को एक साल के भीतर सीईसी की सभी सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दिया है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी, अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की। सुनवाई के दौरान एएजी शिव मंगल शर्मा ने तर्क दिया कि राजस्थान सरकार ने सीईसी की सभी सिफारिशों से सहमति व्यक्त की है, जो 22 जुलाई, 2024 की रिपोर्ट में दी गई थीं। राज्य सरकार ने पहले से ही सिफारिशों को लागू करने के लिए कदम उठाए हैं। निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी निर्देशों का पालन किया जाएगा। पांडुपोल हनुमान मंदिर पर केवल इलेक्ट्रिक बस से ही जा सकेंगे
एएजी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार सरिस्का टाइगर रिजर्व के बफर और कोर क्षेत्रों में अवैध खनन को रोकने की दिशा में काम करेगी। पांडुपोल मंदिर क्षेत्र में तीर्थयात्रियों को ले जाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की व्यवस्था होगी, जिससे निजी वाहनों का प्रवेश बंद होगा। बाघों के प्रजनन क्षेत्रों के वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर सरिस्का की सीमाओं को फिर से निर्धारित किया जाएगा। विशेष टाइगर सुरक्षा बल (STPF) की स्थापना की जाएगी। दिसंबर 2025 तक वन विभाग के सभी खाली पदों को भरा जाएगा। मंदिर परिसर के पास बनेगी पार्किंग
पांडुपोल मंदिर की ओर जाने के लिए सड़क सिस्टम को ठीक करने को कहा है। मंदिर परिसर के पास पार्किंग स्थल बनाना होगा। इस इलाके में सीवेज और ठोस कचरे के निस्तारण के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने होंगे। मंदिर के कर्मचारियों, पुजारियों और सफाईकर्मियों को इलेक्ट्रिक वाहनों का ही उपयोग करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरिस्का बफर क्षेत्र में अवैध खनन को तुरंत बंद करने के निर्देश दिए हैं। सरिस्का के हाईवे-29ए का डिनोटिफिकेशन करने और इसकी जमीन वन विभाग को ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं। टाइगर संरक्षण योजना को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाया
राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सीईसी की सिफरिशों को लागू करने पर सहमति जताई। सरकार की तरफ से दिए जवाब में कहा गया है कि टाइगर संरक्षण योजना (TCP) को 31 मार्च, 2026 तक बढ़ा दिया गया है। पहले इसे खत्म कर दिया था। सरिस्का टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर और उप-फील्ड डायरेक्टर की नियुक्ति की गई है। वन्यजीव अपराधों से निपटने के लिए विशेष टाइगर सुरक्षा बल (STPF) का गठन किया है।