कॉलेज छात्रा ने वाटरफॉल से लगाई छलांग:​​​​​​​मऊंगज में 500 फीट गहराई में चट्टानों में मिला शव; सुसाइड नोट में लिखा-दुनिया छोड़कर जा रही हूं

मऊगंज के बहुती जलप्रपात में 500 फीट नीचे चट्टानों में बीएससी की छात्रा का शव मिला है। बताया जा रहा है कि उसने ऊंचाई से कूदकर अपनी सुसाइड किया है। उसके बैग से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें लिखा है- आप लोग ये बिल्कुल नहीं सोचना कि मैं किसी के साथ भाग गई हूं। मैं इस दुनिया को ही छोड़कर जा रही हूं। घटना रतनगवा गांव की है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को छात्रा रैना उर्फ पार्वती विश्वकर्मा कॉलेज जाने का कहकर घर से निकली थी। रात तक वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई। रात में छात्रा की बहन को अज्ञात नंबर से कॉल आया, युवक ने कहा कि रैना तो चली गई, अब हम भी चले जाएंगे। ग्रामीणों को आज शनिवार सुबह छात्रा का बैग दिखाई दिया, जिसमें सुसाइड नोट था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। थाना प्रभारी नईगढ़ी जगदीश सिंह ठाकुर ने बताया कि प्राथमिक जांच में सुसाइड का मामला है। किशोरी ने प्रपात में छलांग लगाई है। घटना का मर्ग कायम कर मौत के कारणों की जांच कराई जा रही है। ग्रामीण ने बैग देखकर अपने रिश्तेदार को बताया
रतनगवा गांव की रहने वाली रैना विश्वकर्मा बीएससी फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। वह शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे कॉलेज जाने का कहकर घर से निकलती थी। जब रैना दोपहर 2 बजे तक घर नहीं लौटी, तो परिजनों ने कॉलेज और रिश्तेदारों के यहां तलाश की। देर शाम तक पता नहीं चला। इसके बाद परिजनों ने शाम करीब 6 बजे मऊगंज थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। आज सुबह प्रपात के पास एक ग्रामीण को बैग मिला, जिसमें सुसाइड नोट था। सुसाइड नोट में रैना ने घर का पता लिख रखा था। ग्रामीण ने इसकी जानकारी मऊगंज में रहने वाले अपने रिश्तेदार को दी। ग्रामीण के रिश्तेदार ने आज सुबह करीब 10 बजे रैना के पिता नंदलाल विश्वकर्मा को सूचित किया। नंदलाल घटनास्थल पर पहुंचे और उसे ढूंढना शुरू किया। उन्हें चट्टानों में फंसे कपड़े दिखाई दिए, जिससे उन्होंने बेटी के शव को पहचान लिया। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को ग्रामीणों का मदद से बाहर निकाला छात्रा के बैग से मिले सुसाइड नोट में लिखा है- आज मैं दुनिया छोड़कर जा रही हूं। अब संसार से मेरा मन ऊब चुका है। अगर आप लोग मुझे माफ कर पाएं, तो कर देना। मेरा जीना ही गलत है। इस दुनिया में मैं बस इतने दिन के लिए ही आई थी। इस दुनिया में आज मेरा अंतिम दिन है। मेरा अंतिम संस्कार करने के लिए आप लोग मेरी लाश ताक नहीं पाएंगे। मेरे मरने की वजह घर का मामला नहीं है। बल्कि कुछ और ही है। मम्मी, पापा आप मेरी दुनिया हैं। लेकिन मैं अपने कर्मों की वजह से. The end दुनिया को छोड़कर जा रही हूं। पिता ने कहा- मुझसे किराया लेकर घर से निकली थी
पिता नंदलाल विश्वकर्मा ने कहा, बेटी ने शुक्रवार को घर में पूजा करने के बाद खाना खाया। फिर कॉलेज के लिए निकलने लगी, तो मैंने पूछा कि किराए है? वह बोली है, फिर भी 50 रुपए दिए। इसके बाद वह कॉलेज के लिए निकल गई। जब वह दोपहर 2 बजे के बाद घर वापस नहीं लौटी, तो हमने उसे फोन लगाया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। मैंने सोचा कि कॉलेज में होगी। फिर 3 बजे फोन मिलाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। कॉलेज में साथ पढ़ने वाली कई लड़कियों से फोन लगवाया, फिर भी वह फोन नहीं उठा। इसके बाद कॉलेज पहुंचकर चपरासी समेत अन्य लोगों से पता किया। वे बोले कि सब छात्र चले गए। इसके बाद हमने मऊगंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।

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